डॉलर के मुकाबले ऐतिहासिक स्तर पर रुपया कमज़ोर, जानें रुपए के कमजोर होने से कौन-कौन से क्षेत्रों में फायदा व घाटा
Rupee-Dollar Update: रुपया लगातार डॉलर के मुकाबले गिरता जा रहा है। इसकी वजह से कुछ क्षेत्रों को नुकसान होने वाला है। वहीं कई ऐसे क्षेत्र भी है जिन्हें इससे फायदा भी मिलेगा।
Rupee-Dollar Update: रुपया लगातार डॉलर के मुकाबले गिरता (Rupee-Dollar Update) जा रहा है। ऐसे में बीते दिन प्रति डॉलर रुपए की कीमत ₹77.81 दर्ज की गई जो कि रुपए में अबतक की ऐतिहासिक गिरावट है। इस गिरावट के चलते जहां कुछ क्षेत्रों को नुकसान होने वाला है वहीं कई ऐसे क्षेत्र भी है जिन्हें डॉलर की मजबूती और रुपए के कमजोर होने से फायदा भी मिलेगा।
जानकारों की मानें तो ₹77.81 तक डॉलर के मुकाबले पहुंचा रुपया अभी और अधिक गिरावट दर्ज कर सकता है, जो की कमज़ोर होकर ₹80 प्रति डॉलर तक जा सकता है। दरअसल, रुपए के कमजोर होने का असल कारण वैश्विक महंगाई बताया जा रहा है और इसी के चलते रुपए की कीमत में अभी और बदलाव देखने को मिल सकता है।
इन क्षेत्रों पर पड़ेगा असर
वैश्विक स्तर पर रुपए के कमजोर होने के चलते कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा देखने को मिलेगा और तेल कंपनियों को अधिक कीमत पर कच्चा तेल खरीदना पड़ेगा जिसके चलते पेट्रोल-डीजल की कीमत में भी बढ़ोत्तरी दर्ज होगी। इसी के साथ खाने के तेल की कीमतों में भी इजाफा देखने को मिलेगा। दरअसल, अधिकतर उत्पाद विदेश से आयात किए जाते हैं और आयात शुल्क बढ़ने के चलते खुदरा बाजार में खाने के तेल की कीमतों में इजाफा होने तय है। भारत से विदेश पढ़ाई के लिए जाने वाले छात्रों को पहले की अपेक्षा अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे। डॉलर की अपेक्षा रुपए की बढ़ती कीमत विदेशी पढ़ाई को और अधिक महंगा कर देगी। वहीं इसी के साथ लैपटॉप आदि गैजेट की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।
इसी के साथ कई ऐसे क्षेत्र भी हैं जिन्हें डॉलर की मजबूती और रुपए के कमजोर होने पर फायदा होगा। इन क्षेत्रों में विदेश रहकर डॉलर में कमाने वाले भारतीयों को वापस देश आने या देश पैसा भेजने पर बेहतर रिटर्न प्राप्त होंगे। ऐसा ही निवेश के साथ भी है, यदि आपने किसी विदेशी कंपनी में डॉलर में निवेश किया है टॉन उसका भी बेहतर रिटर्न प्राप्त होगा।
वैश्विक बाजार में रुपए की कीमत गिरने के चलते अधिकतर विदेशी यात्री भारत की रूख करेंगे और यहां पर्यटन कर हमारे देश को प्रमोट करेंगे। साथ ही पर्यटन क्षेत्र को आय भी प्राप्त होगी।
आईटी क्षेत्र में काम कर रही भारत की तमाम कंपनियां विदेशी कंपनियों के साथ जुड़कर काम करती हैं, जिसके तहग उनका भुगतान डॉलर में किया जाता है। ऐसे में यदि रुपए की कीमत डॉलर के मुकाबले कमजोर होगी तो आईटी कंपनियों को प्राप्त आय से ही सीधा फायदा प्राप्त होगा।