Sale of Wheat: खुशखबरी! आटा की बढ़ी कीमतों से मिलेगा निजात, अगले सप्ताह से शुरू हो रही गेहूं की बिक्री
Sale of Wheat: FCI ने आदेश में कहा कि ई-नीलामी में बिकने वाले गेहूं का स्टॉक उठा लेने तथा बाजार में आटा उपलब्ध कराने के बाद इनकी कीमतों में और गिरावट आना निश्चित है।
Sale of Wheat: अगर आप किसान हैं और आपने इस बार गेहूं फसल की बुआई की है तो आपके लिए एक खुशखबरी है। केंद्र सरकार 15 फरवरी, 2023 बुधवार से दूसरे चरण की गेहूं की बिक्री शुरू करने जा रही है। बिक्री पूरे देश में शुरू होगी। इसकी बिक्री शुरू होने से अब ऐसे अनुमान लगाए जा रहे हैं कि देश में आने वाले दिनों में महंगे आटा की कीमतों से लोगों को निजात मिल सकता है। यह जानकारी उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने शनिवार को दी।
एफसीआई ने यह दिया आदेश
मंत्रालय ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने 1 और 2 फरवरी को आयोजित हुई पहली ई-नीलामी के सभी बोलीदाताओं को निर्देश जारी कर कहा है कि वे आवश्यक मूल्य का भुगतान कर दें और देश भर में संबंधित डिपो से अपना स्टॉक तुरंत उठा लें। निर्देश के अनुसार कीमतों को और अधिक नियंत्रित करने के उद्देश्य से भंडार वाले गेहूं को संबंधित बाजारों में उपलब्ध कराना आवश्यक है। ई-नीलामी में बिकने वाले गेहूं का स्टॉक उठा लेने तथा बाजार में आटा उपलब्ध कराने के बाद इनकी कीमतों में और गिरावट आना निश्चित है।
पिछले सप्ताह में ई नीलामी में 1150 से अधिक लोगों ने लिया भाग
देश में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए मंत्रियों के समूह द्वारा की गई सिफारिश के अनुसार FCI ने 1 और 2 फरवरी 2023 को ई-नीलामी में ओपन मार्केट सेल स्कीम (घरेलू) के तहत विभिन्न उपायों के माध्यम से केंद्रीय पूल स्टॉक में से गेहूं के लिए निर्धारित 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं भंडार से 22 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध कराने की पेशकश की थी। ई-नीलामी के पहले सप्ताह में 1150 से अधिक बोली लगाने वाले लोग प्रक्रिया में भाग लेने के लिए आगे आए और पूरे देश में 9.2 लाख मीट्रिक टन की कुल गेहूं की मात्रा उपलब्ध कराई गई।
गेहूं की बुआई में 1.39 लाख हेक्टेयर का इजाफा
इसके अलावा रबी सीजन में फसलों की बुआई को लेकर शुक्रवार को कृषि मंत्रालय के आंकड़े जारी किये हैं। इस आंकड़ों के मुताबिक, रबी सीजन में फसल वर्ष 2022-23 (क्रॉप ईयर जुलाई-जून) में गेहूं की बुआई का कुल क्षेत्रफल में बढ़कर 343.23 लाख हेक्टेयर हो गया है। इससे पहले पिछले साल की समान अवधि में इस साल इसमें 1.39 लाख हेक्टेयर का इजाफा हुआ है।