मुकेश अंबानी-रिलायंस पर कड़ी कार्रवाई, SEBI ने ठोका करोड़ों का जुर्माना, ये है वजह
नवी मुंबई सेज प्राइवेट लि. से 20 करोड़ रुपये और मुंबई सेज लिमिटेड को 10 करोड़ रुपयए का जुर्माना देने को कहा गया है । कंपनी ने मार्च 2007 में आरपीएल में 4.1 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय किया था
मुंबई : देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में एक मुकेश अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की मुश्किलें बढ़ने लगी है। भारत में शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड सेबी,(SEBI) ने मुकेश अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज पर शेयर कारोबार में गड़बड़ी को लेकर 40 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी (SEBI) ने यह बड़ी कार्रवाई 2007 के रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड (आरपीएल) के मामलों में की है। 40 करोड़ रुपये के जुर्माने में से मुकेश अंबानी पर 15 करोड़ रुपये हैं और रिलायंस कंपनी पर 25 करोड़ रुपये हैं।
शेयर कारोबार में गड़बड़ी का मामला?
रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड (आरपीएल) का ये पूरा मामला साल 2007 का है। जो आरपीएल शेयरों की नकद और वायदा खंड में खरीद और बिक्री से संबंधित है। इसमें शेयरों की नकद और फ्यूचर खरीद में गड़बड़ी पाई गई है। नवी मुंबई सेज प्राइवेट लि. से 20 करोड़ रुपये और मुंबई सेज लिमिटेड को 10 करोड़ रुपयए का जुर्माना देने को कहा गया है । कंपनी ने मार्च 2007 में आरपीएल में 4.1 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय किया था
यह पढ़ें...पंचायत चुनाव के बाद होंगी यूपी की बोर्ड परीक्षाएं, 14 जनवरी को शिक्षा मंत्री की बैठक
बाजार में निवेशकों को चोट
सेबी के अधिकारी बी जे दिलीप ने इस हेराफेरी को लेकर 95 पन्नों का आदेश दिया है। जिसमें उन्होंने जोर देते हुए कहा है कि प्रतिभूतियों की मात्रा या कीमत में कोई भी गड़बड़ी बाजार में निवेशकों को चोट पहुंचाती है। वे मार्केट के हेराफेरी से बहुत ज्यादा प्रभावित होते हैं।
ये भी पढ़ें..कोरोना वैक्सीन ड्राई रन पर बोले स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन- देश के पास Vaccination का अनुभव
सेबी का कहना है कि इस तरह के मामलों से आम निवेशकों को नुकसान होता है। धोखाधड़ी वाले कारोबार से नकद और वायदा एवं विकल्प खंड दोनों में आरपीएल की प्रतिभूतियों की कीमतों पर असर पड़ा और अन्य निवेशकों के हितों को नुकसान पहुंचा।