...तो 1 लाख का आंकड़ा छू लेगा सेंसेक्स, मॉर्गन स्टेनली के रिपार्ट में बड़ा दावा?
Stock Market: मॉर्गन स्टेनली का अनुमान कई कारकों पर बेस है। फर्म का कहना है कि 2025 में भारत सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले उभरते बाजारों में से एक रहेगा। । मजबूत कमाई, आर्थिक स्थिरता और घरेलू निवेशकों द्वारा लगातार खरीदारी ये वे कारक हैं जो भारतीय बाजार को मजबूती देंगे।;
Stock Market: दिसंबर की शुरुआत से ही भारतीय शेयर बाजार अच्छा प्रदर्शन करता दिख रहा है। अगर कल यानी छह दिसंबर को बाजार में आई गिरावट को छोड़ दें तो दिसंबर के चार कारोबारी दिन शेयर मार्केट के लिए काफी शानदार रहे हैं। सेंसेक्स इस समय 81,709.12 के लेवल पर है। इस साल अब तक इसने करीब 13.06 प्रतिशत की छलांग लगाई है। भारतीय शेयर बाजार नए साल में कैसा प्रदर्शन करेगा इसको लेकर अभी से चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। माना जा रहा है 2025 में सेंसेक्स काफी अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। इससे अब यहां यह भी सवाल उठने लगा है कि क्या नए साल में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का यह सूचकांक एक लाख का आंकड़ा छू सकता है? यदि हां, तो ऐसा कैसे और कब तक संभव हो सकता है?
मॉर्गन स्टेनली ने कही बड़ी बात
दरअसल ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने सेंसेक्स को लेकर बड़ी बात कही हैं जिसके बाद से उम्मीदें बढ़ने लगी हैं। मॉर्गन स्टेनली ने अनुमान जताया है कि बीएसई सेंसेक्स अगले साल यानी दिसंबर 2025 में 1,00,000 के आंकड़े को छू सकता है। उसका कहना है कि बेस केस में यानी अगर बाजार सामान्य स्पीड से भागता रहा तो सेंसेक्स के दिसंबर 2025 तक 93,000 के लेवल तक पहुंचने की संभावना है। वहीं अगर बाजार अपनी फुल स्पीड में दौड़ता है तो सेंसेक्स 1,05,000 अंक तक पहुंच सकता है। ब्रोकरेज फर्म ने यह भी अनुमान जताया है कि अगर सेंसेक्स मंदी की चपेट में आ जाता है, तो यह गिर कर 70,000 तक भी आ सकता है।
किस पर आधारित है अनुमान?
दरअसल मॉर्गन स्टेनली का अनुमान कई कारकों पर बेस है। फर्म का कहना है कि 2025 में भारत सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले उभरते बाजारों में से एक रहेगा। । मजबूत कमाई, आर्थिक स्थिरता और घरेलू निवेशकों द्वारा लगातार खरीदारी ये वे कारक हैं जो भारतीय बाजार को मजबूती देंगे।
इन सेक्टर का रहेगा बड़ा योगदान
ब्रोकरेज फर्म को फाइनेंस, टेक्नोलॉजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और इंडस्ट्रियल सेक्टर से काफी उम्मीदें हैं। उसे लगता है कि ये सेक्टर शेयर बाजार की तेजी में अहम योगदान देंगे। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के घरेलू बाजार के लंबी अवधि के संकेत मजबूत बने हुए हैं, जिसे सरकार की नीतियों से समर्थन मिल रहा है। इसी को देखते हुए यह अनुमान है कि भारत अन्य देशों के बाजारों से बेहतर प्रदर्शन करेगा।
...तो इस तरह पूरा होगा सपना
किसी भी देश की शेयर बाजार की चाल कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है। जैसे कि देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती, सरकार की नीतियां, विदेशी और घरेलू फंड का फ्लो आदि। इस समय इन सभी मोर्चों पर भारत अन्य देशों की तुलना में काफी बेहतर है और आने वाले दिनों में इसके और भी अधिक बेहतर होने की संभावना है।
इकॉनमी पर कायम भरोसा
हाल ही में एशियाई विकास बैंक ने कहा था कि वित्त वर्ष 2024 (31 मार्च 2025 को समाप्त) के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025 के लिए 7.2 प्रतिशत रह सकती है। जेपी मॉर्गन को भारत की आर्थिक विकास दर वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में 6.7 पर तक पहुंचने की उम्मीद है। वहीं, आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 को खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 6.5 से 7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन ने 2024-25 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है।
डोनाल्ड साबित होंग हमारे लिए ट्रंप कार्ड
भारतीय बाजार काफी हद तक विदेशी निवेशकों के रुख पर भी निर्भर करता है। उसके खरीदार बनने पर शेयर बाजार में मजबूती आ जाती है। इस साल बड़े पैमाने पर विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारत से पैसा निकालकर चीन के बाजार में लगाया है। हालांकि, अब धीरे-धीरे यह तस्वीर बदलने वाली है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से चीन के लिए हालात मुश्किल होंगे और ऐसे में निवेशक वापस भारतीय बाजार का रुख करेंगे और इससे बाजार में मजबूती देखने को मिलेगी।
अभी से दिखने लगी उम्मीद
बाजार के कई विशेषज्ञ यह मानते हैं कि अधिक रिटर्न के चक्कर में जो विदेशी निवेश इस समय चीन के बाजार का रुख कर रहे हैं वे डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका की सत्ता में वापसी के चलते फिर से भारत वापस आ सकते हैं। बता दें कि ट्रंप का पिछला कार्यकाल चीन के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाला रहा था, माना जा रहा है कि इस बार भी स्थिति वैसे ही रह सकती है। इस हिसाब से देखा जाए तो निवेशकों के लिए चीनी बाजार अनुकूल नहीं रहने वाला है। अभी से इसकी झलक भी दिखने लगी है। दिसंबर के शुरुआती 4 कारोबारी दिनों में विदेशी निवेशकों ने हमारे बाजार में ताबड़तोड़ खरीदारी की है।
फिर तो बन सकती है बात
दिसंबर के शुरुआती 4 कारोबारी सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 23,500 करोड़ रुपए से ज्यादा के शेयर खरीदे हैं, यह आंकड़ा उनके द्वारा नवंबर में की गई बिकवाली से कहीं ज्यादा है। विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में 87,590 करोड़ रुपए से अधिक की बिकवाली की थी और नवंबर में उन्होंने करीब 22,602 करोड़ रुपए हमारे बाजार से निकाले थे। यदि उनकी खरीदारी का सिलसिला बरकरार रहता है, जिसकी कि काफी उम्मीद है तो सेंसेक्स मॉर्गन स्टेनली के अनुमान के अनुरूप ऊंचाई छू सकता है