स्मार्ट फोनः बाजार को लगा बड़ा झटका, सिर्फ जरूरत वाले खरीदार
फेस्टिव सीजन आ रहा है। ऐसे में स्मार्टफोन बाजार का भाव बढने की संभावना कम दिख रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई-सितंबर में सुधार की संभावना कम दिख रही है। लेकिन ऐसी आशंका जताई जा रही है कि सितंबर तक बाजार में तेजी आ रही है।
नई दिल्ली: कोरोना के कारण लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। फेस्टिव सीजन आ रहा है। ऐसे में स्मार्टफोन बाजार का भाव बढने की संभावना कम दिख रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई-सितंबर में सुधार की संभावना कम दिख रही है। लेकिन ऐसी आशंका जताई जा रही है कि सितंबर तक बाजार में तेजी आ रही है।
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बिजनेस बुरी तरह प्रभावित
अप्रैल-जून कुल 18 मिलियन स्मार्टफोन बेचे गए, जबकि पिछले साल 2019 की अप्रैल-जून तिमाही में भारत में कुल 37 मिलियन स्मार्टफोन बेचे गए थे। मार्च 25 को लॉकडाउन की घोषणा की गई और पूर्ण रूप से यह दो महीने तक चली। लॉकडाउन के कारण सामान तय समय पर नहीं पहुंचने से ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम प्रभावित हुआ। सरकार की लाख कोशिश के बावजूद ट्रांसपोर्टेशन हजारों करोड़ का बिजनेस बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
स्मार्टफोन जरूर
इस बीच चीन से होने वाले निर्यात पर भी काफी बुरा असर हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, जब अनलॉक सीजन में दुकानें खुली तो लोग जरूरत के कारण स्मार्टफोन जरूर खरीद रहे थे, लेकिन बेरोजगारी संकट और आर्थिक चुनौती को ध्यान में रख कर खरीद रहे थे।15000 से कम के स्मार्टफोन का शेयर बढ़कर 84 फीसदी ,7500 रुपये से कम के स्मार्टफोन का शेयर 29 फीसदी पर पहुंच गया जो 2019 की इसी तिमाही में 20 फीसदी था।
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51 फीसदी की गिरावट
2020 की दूसरी तिमाही में शाओमी की बिक्री 49 फीसदी, सैमसंग की बिक्री 48 फीसदी, वीवो की बिक्री 43 फीसदी, रियलमी की बिक्री 37 फीसदी, ओप्पो की बिक्री 51 फीसदी और अन्य की बिक्री में 74 फीसदी की गिरावट देखी गई है। कुल बिक्री में 51 फीसदी की गिरावट आई है।
बता दें कि भारत-चीन रिश्ते में कड़वाहट के कारण स्मार्टफोन बाजार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। भारतीय बाजार में चाइनीज फोन का दबदबा है। शाओमी, वीवी, ओप्पो, रियलमी जैसे चाइनीज ब्रैंड का स्मार्टफोन बाजार में बहुत बड़ा शेयर है। लेकिन अब लोग शौक की जगह जरूरत को ध्यान में रखकर खरीदारी कर रहे हैं।