Sugar Price: चीनी लगातार हो रही है महंगी, जानिए क्या है वजह
देश के कई शहरों में चीनी की कीमत (Chini Ki Kimat) में वृद्धि देखी जा रही है। खाने के तेल के दाम में बढ़ोतरी के साथ दाल और चीनी की महंगाई आम लोगों को परेशान कर रही है। आने वाले दिनों में चीनी के दाम और बढ़ने की आशंका है।
Sugar Price: पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) के दाम बढ़ने से कई घरेलू सामानों की कीमत में तेजी देखी जा रही है। घरेलू बाजार में चीनी का भाव (Sugar Price) दो महीने के भीतर 13 फीसदी बढ़ चुका है और कीमतें चार साल के शीर्ष पर पहुंच गई हैं। देश के कई शहरों में चीनी की कीमत (Chini Ki Kimat) में वृद्धि देखी जा रही है। खाने के तेल के दाम में बढ़ोतरी के साथ दाल और चीनी की महंगाई आम लोगों को परेशान कर रही है। आने वाले दिनों में चीनी के दाम और बढ़ने की आशंका है। आइये जानते हैं आखिर क्यों तेजी से बढ़ रहा है चीनी का भाव -
क्यों तेजी से बढ़ रहा है चीनी का भाव
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से ट्रकों से माल ढुलाई का काम महंगा हुआ है जिससे दाल, चीनी और अन्य घरेलू वस्तुएं पहले की तुलना में महंगी हुई हैं। साथ ही चीनी के भाव बढ़ने के पीछे कुछ अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां भी जिम्मेदार बताई जा रही हैं। दरअसल, दुनिया के जिन देशों में चीनी का उत्पादन ज्यादा होता है, वहां सूखा या कोरोना महामारी (Coronavirus) ने बड़ा असर डाला है।
अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां
चीनी की कीमत बढ़ने के पीछे का कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखा जाय तो ब्राजील (Brazil) में बड़े पैमाने पर चीनी का उत्पादन होता है। ब्राजील से दुनिया के कई देशों को चीनी बनाने का कच्चा माल सप्लाई होता है, लेकिन ब्राजील अभी भयंकर सूखे और कोरोना महामारी से जूझ रहा है। इसका असर आने वाले दिनों में चीनी की कीमतों में देखा जा सकता है।
इथेनॉल बनाने से भी असर
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल लगभग 20 लाख टन चीनी से इथेनॉल बनाने की तैयारी है। इसके लिए चीनी को मार्केट में न भेजकर डिस्टीलरी में भेजा जाएगा ताकि इथेनॉल तैयार हो सके। वहीं भारत में पेट्रोल के साथ इथेनॉल ब्लेंड करने और उसे बेचने का काम शुरू हो गया है। भारत 2023 तक एक लीटर पेट्रोल में 20 फीसद तक इथेनॉल मिलाकर बेचने की तैयारी में है ताकि पेट्रोल के लिए विदेशी बाजारों पर निर्भरता को कुछ कम किया जा सके। ऐसे में इथेनॉल बनाने में चीनी के इस्तेमाल से भाव बढ़ सकता है। कहा जा रहा है कि सरकार चीनी की कीमतें ज्यादा गिरा भी नहीं सकती क्योंकि इससे चीनी की खपत पर असर पड़ेगा।