Swiggy IPO: स्विगी का आईपीओ : 3750 करोड़ जुटाने का टारगेट

Swiggy IPO: बाजार विशेषज्ञों का मानना ​​​​था कि स्विगी लगभग 10-14 बिलियन डॉलर के बाजार मूल्यांकन के साथ स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध हो सकती है।

Newstrack :  Network
Update:2024-09-27 14:47 IST

Swiggy IPO (Photo: Social Media)

Swiggy IPO: फूड टेक फर्म स्विगी ने कहा है कि उसका टारगेट अपने आईपीओ के जरिये 3,750 करोड़ रुपये जुटाना है। स्विगी ने अपने ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस में कहा है कि एक्सेल इंडिया और टेनसेंट यूरोप जैसे मौजूदा शेयरधारक करीब 185.3 मिलियन शेयर बेचेंगे। स्विगी के सार्वजनिक होने की योजना ऐसे समय में आई है जब निवेशक नए जमाने की कंपनियों में भरोसा दिखा रहे हैं। स्विगी की प्रतिद्वंद्वी कंपनी जोमैटो के शेयरों में पिछले एक साल में 184 फीसदी से अधिक की तेजी आई है।

भारत में फ़ूड डिलीवरी बिजनेस

जापान की सॉफ्टबैंक निवेश प्रमुख प्रोसस द्वारा समर्थित, स्विगी ने भारत के तेजी से बढ़ते ऑनलाइन रेस्तरां और खाद्य वितरण बाजार में जोमैटो के साथ प्रतिस्पर्धा की है। उद्योग के अनुमानों के अनुसार भारत का खाद्य वितरण बाजार 2030 तक 2 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ने का अनुमान है। स्विगी और जोमैटो का मिलकर इस बाजार के 90 फीसदी से अधिक हिस्से पर कब्जा है।

32 फीसदी हिस्सेदारी के साथ "प्रोसस", स्विगी कंपनी के प्रमुख हितधारकों में से एक है। सॉफ्टबैंक, एक्सेल, एलिवेशन कैपिटल, डीएसटी ग्लोबल, नॉरवेस्ट, टेनसेंट, कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (क्यूआईए) और सिंगापुर की जीआईसी स्विगी के अन्य शेयरधारक हैं। बेंगलुरु स्थित स्विगी कंपनी ने जब जनवरी 2022 में फंड्स जुटाए थे तब उसका वैल्यूएशन 10.7 बिलियन डॉलर था। बाजार विशेषज्ञों का मानना ​​​​था कि स्विगी लगभग 10-14 बिलियन डॉलर के बाजार मूल्यांकन के साथ स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध हो सकती है।

शेयरों का मूल्य

आईपीओ के प्राइस बैंड अभी आधिकारिक नहीं है, लेकिन सेकंडरी मार्केट में इसके शेयर 330-350 रुपये प्रति शेयर पर हैं।

पिछले महीनों में स्विगी ने प्रतिद्वंद्वी जोमैटो के साथ अंतर कम किया है। बढ़ते खर्चों के कारण वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में कंपनी का घाटा 8 प्रतिशत बढ़कर 611 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 564 करोड़ रुपये था। इसने तीन महीनों में 3,908 करोड़ रुपये खर्च किए, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में खर्च किए गए 3,073 करोड़ रुपये से 27 प्रतिशत अधिक है। जून तिमाही में इसका राजस्व 3,222.2 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष के 2,389.8 करोड़ रुपये से 35 प्रतिशत अधिक है।

स्विगी का वित्त वर्ष 24 का राजस्व 8,265 करोड़ रुपये से 36 प्रतिशत बढ़कर 11,247 करोड़ रुपये हो गया। खर्चों पर मजबूत नियंत्रण की वजह से इसका घाटा 4,179 करोड़ रुपये से 44 प्रतिशत घटकर 2,350 करोड़ रुपये रह गया। इसकी तुलना में गुरुग्राम स्थित ज़ोमैटो का राजस्व 12,114 करोड़ रुपये था और इसने वित्त वर्ष 24 में 351 करोड़ रुपये का लाभ कमाया।

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