ग्राहकों का तगड़ा झटका, मोबाइल पर बात करना और इंटरनेट यूज करना होगा महंगा

कोरोना संकट में अन्य क्षेत्रों पर असर हुआ है, लेकिन टेलीकॉम इंडस्ट्री पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। लॉकडाउन में डाटा यूजेज और टैरिफ में बढ़ोतरी की वजह से इस सेक्टर की स्थिति सुधरी है। वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन पढ़ाई की डाटा का इस्तेमाल बढ़ा है।

Update: 2021-02-17 06:58 GMT
टेलीकॉम कंपनियां टैरिफ प्लान महंगा करने की तैयारी कर रही है। कंपनियां 1 अप्रैल से दरों को बढ़ा सकती है। रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।

नई दिल्ली: मोबाइल पर बात करने और इंटरनेट इस्तेमाल करने के लिए अब ग्राहकों जेब ढीली करनी पड़ी सकती है। टेलीकॉम कंपनियां टैरिफ प्लान महंगा करने की तैयारी कर रही है। कंपनियां 1 अप्रैल से दरों को बढ़ा सकती है। रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष 2021-22 में रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए कंपनियां टैरिफ महंगे कर सकती हैं, लेकिन कीमतों में कितनी बढ़ोतरी होगी यह जानकारी सामने नहीं आई है।

टेलीकॉम इंडस्ट्री पर कोई असर नहीं

कोरोना संकट में अन्य क्षेत्रों पर असर हुआ है, लेकिन टेलीकॉम इंडस्ट्री पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। लॉकडाउन में डाटा यूजेज और टैरिफ में बढ़ोतरी की वजह से इस सेक्टर की स्थिति सुधरी है। वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन पढ़ाई की डाटा का इस्तेमाल बढ़ा है।

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टेलीकॉम कंपनियों के एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (एआरपीयू) यानी प्रति ग्राहक औसत राजस्व में सुधार आया है। अब कंपनियां टैरिफ बढ़ाकर उसकी भरपाई करना चाहती है। इससे पहले, बीते साल भी कुछ कंपनियों ने दरों में बढ़ोतरी की थी।

कंपनियों पर 1.6 लाख करोड़ रुपये का कर्ज

टेलीकॉम कंपनियों पर कुल एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) का 1.69 लाख करोड़ रुपये बकाया है। अभी तक सिर्फ 15 टेलीकॉम कंपनियों ने 30,254 करोड़ रुपये ही चुका पाई हैं। एयरटेल पर करीब 25,976 करोड़ रुपये, वोडाफोन आइडिया पर 50399 करोड़ रुपये और टाटा टेलीसर्विसेज पर करीब 16,798 करोड़ रुपये का बकाया बाकी है।

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कंपनियों को 10 प्रतिशत राशि चालू वित्त वर्ष में और शेष बकाया राशि आगे के सालों में चुकाना है। अब कंपनिया एजीआर का बोझ ग्राहकों पर डालने की तैयारी कर रही है।

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