Union Budget 2025: टैक्स स्लैब में बदलाव, मध्यम वर्ग को राहत देने का आह्वान
Union Budget 2025 Income Tax: पई ने 60 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए 7.5 लाख रुपये और 70 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर टैक्स लगाने की सिफारिश की। उन्होंने 5 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को आयकर रिटर्न दाखिल करने से छूट देने की भी वकालत की है।;
Union Budget 2025: 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश होने में अब एक महीने से भी कम का समय रह गया है। बजट को लेकर लोगों में अभी से चर्चा है। लोगों की नजरें राहत और उम्मीदों पर टिकी हुईं हैं। बजट में उद्योग से संबंधित कई राहत देने वाले ऐलान की भी उम्मीद की जा रही है। उद्योग के लीडर्स और एक्सपर्ट्स भी अपनी राय और अपेक्षाएं जाहिर कर रहे हैं। ऐसे में इंफोसिस के पूर्व सीएफओ टीवी मोहनदास पई ने कर सुधारों के लिए अपनी सिफारिशें पेश की हैं। पई ने एक्स पर एक पोस्ट किया है, जिसमें सरकार से बढ़ती लागत, मुद्रास्फीति और स्थिर आय से जूझ रहे मिडिल क्लास के करदाताओं को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है।
टैक्स पर नए स्लैब प्रस्तावित किए हैं
पई ने व्यक्तिगत कर संग्रह में तेज वृद्धि पर प्रकाश डाला, जो वित्त वर्ष 2021 में 4.87 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 10.45 लाख करोड़ रुपये हो गया यानी तीन वर्षों में इसमें 114 फीसदी की वृद्धि हुई। उन्होंने 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं, 5-10 लाख रुपये पर 10 फीसदी, 10-20 लाख रुपये पर 20 फीसदी और 20 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी के साथ नए कर स्लैब प्रस्तावित किए हैं।
उन्होंने धारा 80डी (स्वास्थ्य बीमा) और 80जी (धर्मार्थ दान) को छोड़कर अधिकांश कटौतियों को हटाने और मौजूदा जटिल ढांचे को बदलने के लिए वैकल्पिक योजना के रूप में इन स्लैब को पेश करने का सुझाव दिया है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए, पई ने 60 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए 7.5 लाख रुपये और 70 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर टैक्स लगाने की सिफारिश की। उन्होंने 5 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को आयकर रिटर्न दाखिल करने से छूट देने की भी वकालत की है। उन्होंने सरकार से 2025-26 को ’टैक्स विवाद समाधान का वर्ष’ घोषित करने और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के भीतर सिस्टम को सुव्यवस्थित करने का आग्रह किया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने आवास ऋण सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया है।
राहत की कमी की आलोचना की
वहीं ’कर आतंकवाद’ को समाप्त करने का आह्वान करते हुए, पई ने मध्यम वर्ग के करदाताओं के लिए राहत की कमी की आलोचना की है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला है कि जब 9 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी आबादी के निचले 60 फीसदी हिस्से को सपोर्ट करती है, वहीं मध्यम वर्ग को अनदेखा कर दिया जाता है।