Union Budget 2025: आम बजट और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

Union Budget 2025: भारत का केंद्रीय बजट सिर्फ देश की आंतरिक आर्थिक गतिविधियों को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि इसका अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और संबंधों पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है।;

Newstrack :  Network
Update:2025-01-09 07:00 IST

Union Budget 2025

Union Budget 2025: भारत का केंद्रीय बजट सिर्फ देश की आंतरिक आर्थिक गतिविधियों को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि इसका अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और संबंधों पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। बजट में किए गए निर्णय, जैसे कि कर दरें, आयात-निर्यात शुल्क, विदेशी निवेश नीतियां, सीधे तौर पर देश के व्यापारिक संबंधों को आकार देते हैं। इस बार के बजट से काफी उम्मीदें हैं कि भारत को अग्रणी अर्थव्यवस्था बनाने के रोडमैप में अंतर्राष्ट्रीय व्यापर को काफी बूस्ट दिया जाएगा।

बजट का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर प्रभाव

निर्यात प्रोत्साहन: बजट में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रोत्साहन दिए जाते हैं, जैसे कि निर्यात सब्सिडी, कस्टम ड्यूटी में छूट, आदि। इससे देश के उत्पादों की वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ती है।

आयात शुल्क: आयात शुल्क में बदलाव से देश के घरेलू उद्योगों को सुरक्षा मिलती है। लेकिन साथ ही इससे महंगाई भी बढ़ सकती है।

विदेशी निवेश: बजट में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं, जैसे कि टैक्स छूट, सरलीकृत नियम आदि। इससे देश में पूंजी का प्रवाह बढ़ता है और विकास को गति मिलती है।

मुद्रा का मूल्य: बजट के निर्णयों का मुद्रा के मूल्य पर भी प्रभाव पड़ता है, जो निर्यात और आयात को प्रभावित करता है।


बजट के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर प्रभाव

व्यापार समझौते: बजट में किए गए निर्णयों का अन्य देशों के साथ व्यापार समझौतों पर असर पड़ता है।

विदेश नीति: बजट के माध्यम से सरकार अपनी विदेश नीति के लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास करती है।

भू-राजनीतिक संबंध: बजट के निर्णयों का देश के भू-राजनीतिक संबंधों पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

वैश्विक छवि: बजट के माध्यम से सरकार देश की वैश्विक छवि को बेहतर बनाने का प्रयास करती है।


प्रमुख क्षेत्र जहां बजट अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित करता है

क्षेत्रीय व्यापार समझौते: आरसीईपी, ईयू आदि जैसे क्षेत्रीय व्यापार समझौतों में भारत की भागीदारी को बजट के माध्यम से बढ़ावा दिया जाता है।

विश्व व्यापार संगठन: भारत विश्व व्यापार संगठन में अपनी भूमिका को मजबूत करने के लिए बजट के माध्यम से प्रयास करता है।

विकासशील देशों के साथ सहयोग: भारत विकासशील देशों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बजट में विशेष प्रावधान करता है।

भारत का केंद्रीय बजट देश की आंतरिक अर्थव्यवस्था के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और संबंधों को भी आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बजट के माध्यम से सरकार देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने, रोजगार सृजन करने और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भूमिका को मजबूत करने का प्रयास करती है।

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