Weakest Currency: क्या आपको पता है दुनिया की सबसे कमजोर करेंसी किस देश की है, इसके पीछे क्या वजह है?
Duniya Ki Sabse Kamjor Currency: किसी भी देश के लिए उसकी करेंसी को कम आंका जाना उस देश की आर्थिक बुनियादी ढांचा या शासन प्रणाली का कमजोर होना माना जाता है।
Sabse Kamjor Currency Wala Desh: किसी भी देश के आर्थिक ढांचे की स्थिति को अगर आपको जानना है तो आपको एक बार उसकी करेंसी (Currency) की स्थिति पर गौर करना चहिए। क्या आपको इस बारे में जानकारी है कि इस दुनिया में सबसे ज्यादा कमजोर करेंसी (Weakest Currency In The World) किस देश की है। तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसी भी देश की कमजोर करेंसी का सीधा संबंध उस देश की मुद्रा का मूल्य अन्य देशों की मुद्राओं की तुलना में कम होना होता है। किसी भी देश के लिए उसकी करेंसी को कम आंका जाना उस देश की आर्थिक बुनियादी ढांचा या शासन प्रणाली का कमजोर होना माना जाता है, वहीं मजबूत करेंसी उस देश की अर्थव्यवस्था विकास और समृद्धि का प्रतीक बनती है। फाइनेंशियल प्लानर्स की भाषा में कमज़ोर करेंसी को सॉफ़्ट करेंसी (Soft Currency) भी कहा जाता है।
कमज़ोर करेंसी से जुड़ी कुछ और बातें
कमज़ोर करेंसी की वजह से, देश की राजनीतिक और आर्थिक स्थिति अस्थिर हो सकती है। कमज़ोर करेंसी (Weakest Currency) की वजह से, करेंसी की कीमत में अस्थिरता आ सकती है। कमज़ोर करेंसी की वजह से, ट्रेडर और निवेशक अन्य करेंसियों को रखना पसंद करते हैं। वहीं, फॉरेक्स डीलर करेंसी से बचने की कोशिश करते हैं। ज़्यादातर विकासशील देशों की करेंसियां कमज़ोर मानी जाती हैं। कमज़ोर करेंसी की वजह से, विदेशी मुद्रा भंडार में भी कमी आ सकती है। इस तरह से किसी भी राष्ट्र में उन्नति, समृद्धि और विकास को मापने का सीधा व सरल तरीका वहां की मुद्रा की स्थिति पर निर्भर करता है।
इस देश में है दुनिया की सबसे कमजोर करेंसी
किसी भी राष्ट्र की तरक्की, विकास और समृद्धि का आंकलन उस देश की मुद्रा स्थिति को देख कर लगाया जा सकता है। यानी वहां की मुद्रा की स्थिति पर निर्भर करता है। कमजोर करेंसी किसी देश की खराब अर्थव्यवस्था (Bad Economy) की स्थिति को जाहिर करती है तो जबकि मजबूत अर्थव्यवस्था विकास और समृद्धि का मानक बनती है।
मौजूदा समय में यदि दुनिया की सबसे कमजोर करेंसी वाले देश की बात करें तो दुनिया की सबसे कमजोर करेंसी (World's Weakest Currency) ईरान की करेंसी ईरानियन रियाल (Iranian rial) को माना जाता है। इस देश की आर्थिक स्थिति और हालात आज किसी से छिपे नहीं हैं। इस देश की करंसी का कमजोर होना यह दिखता है, कि यहां की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से बिगड़ी हुई है।
रियाल का सबसे कमजोर करेंसी होने के पीछे की वजह
ईरान देश की मुद्रा रियाल के कमजोर होने के पीछे कई कारण बताए जाते हैं। सबसे पहले, 1979 में इस्लामी क्रांति की समाप्ति के बाद विदेशी निवेशकों ने देश से अपना ध्यान हटा लिया, जिससे यहां की मुद्रा कमजोर हो गई। इसके पीछे ईरान के परमाणु कार्यक्रम और ईरान-इराक युद्ध की वजह से भी यहां की मुद्रा की स्थिति का खराब होना एक बड़ी वजह माना जाता है।
किसी भी मुद्रा का मजबूत होने का एकमात्र कारण यह है कि ज्यादा से ज्यादा देशों और लोगों के बीच उसकी कितनी जरूरत बनी हुई है। किसी मुद्रा का अंतरराष्ट्रीय मूल्य होने के लिए, उसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार और विदेशी मुद्रा में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। लेकिन ईरानी रियाल (Iranian rial) ऐसा नहीं है। ईरान द्वारा अन्य देशों के साथ किया जाने वाला अधिकांश व्यापार या तो अमेरिकी डॉलर या यूरो में होता है, वो भी खासकर तेल में।
इतनी है भारतीय मुद्रा की तुलना में ईरानियन रियाल की कीमत
दुनिया के सबसे निचले स्तर पर लुढ़क चुकी करेंसी ईरानियन रियाल की तुलना अगर भारतीय मुद्रा के अनुसार करें तो ईरानियन रियाल (1 INR= 516 ईरानियन रियाल) यानी भारत का एक रुपया ईरान की 516 ईरानियन रियाल के बराबर अपना मूल्य रखता है। किसी देश की करेंसी का स्तर इस बात पर भी निर्भर करता है कि वो देश कितना विकासशील है। वहां की प्रति व्यक्ति आय की स्थिति क्या है। किसी भी देश की करेंसी का कमजोर होना उस देश के नागरिकों के लिए सबसे ज्यादा चुनौतियों भरी स्थिति का होना साबित होता है।
ईरान में पेट्रोल पर मिलती है भारी सब्सिडी
कमजोर आर्थिक स्थिति होने के बावजूद ईरान में पेट्रोल पर भारी सब्सिडी दी जाती है, इसे इसकी वास्तविक लागत के लगभग पांचवें हिस्से पर बेचा जाता है। 1,000 रियाल ($0.11) प्रति लीटर की कीमत ईरान को मोटर चालकों के लिए दुनिया के सबसे सस्ते देशों में से एक बनाती है।
पूरी दुनिया में ईरान ऐसा देश है, जहां पेट्रोल काफी सस्ता मिलता है। ईरान में 1 लीटर पेट्रोल की कीमत 0.029 डॉलर है यानी 2.45 रुपये प्रति लीटर। बता दें कि ईरान से कच्चे तेल के अलावा सूखे मेवे, केमिकल और कांच के बर्तन भारत आते हैं। वहीं भारत की ओर से ईरान पहुंचने वाले प्रमुख सामानों की बात करें, तो बासमती चावल का ईरान बड़ा आयातक है।
दुनिया में इस देश की है सबसे मजबूत करेंसी (World's Strongest Currency)
वहीं, बात करें विश्व की सबसे मजबूत करेंसी की तो इस लिस्ट में अमेरिकी डॉलर नहीं बल्कि कुवैती दीनार का नाम शामिल है। कुवैती दीनार कुवैत की मजबूत और स्थिर अर्थव्यवस्था के कारण दुनिया की सबसे मूल्यवान मुद्रा है, जिसकी ताकत इसके विशाल तेल भंडार और कर-मुक्त अर्थव्यवस्था से आती है। दरअसल, कुवैत दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातकों में शुमार है। तेल एक वैश्विक वस्तु है। इंटरनेशनल मार्केट में इसकी मांग लगातार बनी रहती है। इस तरह कुवैती दिनार की मांग भी बढ़ जाती है। एक कुवैती दिनार की कीमत ₹ 215-225 भारतीय रुपये है।