Hydroponic Farming: जानिए क्या है हाइड्रोपोनिक खेती, बिना मिट्टी के इन फसलों को उगाकर बने रईस किसान
Hydroponic Farming: हाइड्रोपोनिक खेती करने से किसान को मुनाफा काफी अधिक होता है। इस तकनीक के माध्मय से तेलंगाना के किसान हरिशचंद्र रेड्डी करीब 3 करोड़ रुपए की सालाना कमाई कर रहे हैं। किसान भाई इस तकनीक से इन फसलों को बिना मिट्टी में पैदा कर अमीर बना सकता है।
Hydroponic Farming: जैसै जैसे देश आधुनिकरण को अपना रहा है, वैसे वैसे हर चीज आधुनिक होती जा रही है। फिर चाहे वह खेती किसानी क्यों न हो? पहले के दौर में खेती किसानी देश में देशी विधि से की जाती थी, लेकिन आज खेती में नई नई तकनीकों को प्रयोग किया जा रहा है। इन तकनीकों को आने से फायदा ये हो रहा है कि अब किसानों को खेती में अधिक समय नहीं खर्च हो रहा है और फसलों को तैयार करने में खर्च में गिरावट आई है। खेती में समय बचने से किसान दूसरे कार्यों में लगकर आय का अन्य स्त्रोत बनाए हुए हैं। इससे किसानों के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है। इस कड़ी में आज हम ऐसी ही एक खेती करने की आधुनिक तकनीक की बात कर रहे हैं, जिससे किसान भाई अपनाकर अच्छा माल कमा सकते हैं।
यह तकनीक है हाइड्रोपोनिक खेती (hydroponic farming)। इस तकनीक खेती में खास बात यह होती है, यहां पर किसानों बड़े-बड़े खेतों की जरूरत नहीं होती है, चाहे तो किसान भाई अपने कमरे में भी हाइड्रोपोनिक की खेती कर सकते हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में...।
क्या होती है हाइड्रोपोनिक की खेती
इसकी खेती से जुड़ी अन्य जानकारी हासिल करने से पहले सबसे पहले यह जान लेना चाहिए कि आखिर हाइड्रोपोनिक खेती क्या होती है। तो चलिए जानते हैं कि हाइड्रोपोनिक खेती के बारे में…। हाइड्रोपोनिक खेती के लिए किसान भाई को बड़े खेतों की जरूरत नहीं होती है और न ही इसकी खेती के लिए मिट्टी चाहिए होती है। हाइड्रोपोनिक खेती में बालू मिट्टी, पानी और कंकड का उपयोग होता है। इसकी खेती किसान भाई कहीं भी कर सकते हैं। देश के कई इस तकनीक की खेती कर रहे हैं। इससे कुछ फसलों का उगाकर अच्छा लाभ पैदा कर रहे हैं। हाइड्रोपोनिक का मतलब ही बिना मिट्टी के केवल पानी के माध्यम से खेती करना होता है। यह ग्रीक भाषा से आया है। इस तकनीक से परिवर्तन होते मौसम से फसल में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
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इन फसलों को करें पैदा
दरअसल, हाइट्रोपोनिक खेती का उपयोग छोटे फसले वाले पौधों के लिए होता है। इस तकनीक से किसान भाई मटर, गाजर, मूली, शलजम, शिमला मिर्च, अनानास, टमाटर, भिंडी, अजवाइन, तुलसी, तरबूज, खरबूजा, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी व स्ट्रॉबेरी जैसी फसलों की पैदावरी कर सकते हैं,क्योंकि इनके पौधे छोटे होते हैं। इस तकनीक से फसलों में पाइप के माध्मय से छेद कर पानी पहुंचाया जाता है। छेदों में पानी भरा होता है और इसमें पौधे लगे होते हैं। इसकी जड़ें पानी डूबी रहती हैं। पाइप में भरे पानी में थोड़ा कंकड़ और बालू मिलाया जाता है,ताकि जरूरी पोषक तत्व पानी में मिलाकर पौधों तक पहुंचे। मिट्टी के जगह यहां पर कोकोपीट का उपयोग किया जाता है। यह तापमान को 15 से 30 डिग्री बनाए रखता है और आद्रर्ता 80 से 85 फीसदी बनाए रखता है।
हाइड्रोपोनिक खेती में लागत
हाइड्रोपोनिक खेती के खर्चे की बात करें तो इसमें कम खर्चा होता है। छोटे स्तर पर इसकी खेती करने में 10 से 15 रुपये का खर्चा आता है। हालांकि बड़े स्तर पर इसकी खेती करने में 20 लाख रुपये खर्चा आता है,क्योंकि यहां पर आपको एक सेटअप लगवाना पड़ता है। यहां तापमान को कंट्रोल करने के लिए किसान भाई को पॉली हाउस भी तैयार करवाना होता है। हालांकि पॉली हाउस को तैयार करने में सरकार लागत का 50 फीसदी अनुदान भी देती है, चाहें तो आप इसको ले सकते हैं।
इस खेती से मुनाफा
हाइड्रोपोनिक खेती करने से किसान को मुनाफा काफी अधिक होता है। इस तकनीक के माध्मय से तेलंगाना के किसान हरिशचंद्र रेड्डी करीब 3 करोड़ रुपए की सालाना कमाई कर रहे हैं। रेड्डी के मुताबिक शुरुआत में हाइड्रोपोनिक या प्राकृतिक खेती करने में लागत बहुत आती है, लेकिन उसके बाद लागत कम हो जाती है और पैदावार बढ़ती जाती है। अन्य किसान भी आराम से इस तकनीक से सालाना 5 से 7 लाख रुपए पैदा कर सकता है।