भारत क्यों नहीं छापता ज्यादा नोट! अगर ऐसा हो तो सभी हो जाएंगे करोड़पति?
अगर आपके मन में भी ये सवाल आता होगा कि सरकार ढेर सारे नोट छापकर देशवासियों को करोड़पति क्यों नहीं बना देती? जब सभी करोड़पति हो जाएंगे तो देश से गरीबी अपने आप दूर हो जाएगी।
नई दिल्ली: कभी-कभी आपके मन में एक सवाल आता होगा कि आखिर नोटों की छपाई कम क्यों होती है। अगर हम नोटों की छपाई को लेकर बात करें तो अक्सर लोग पूछते हैं कि क्यों सरकार अपनी मन मर्जी के मुताबिक नोट छाप सकती है। यही नहीं ये सवाल का जवाब गूगल पर भी बहुत ढूढ़ा जाता है। आज हम आपको इसका आंसर बताने जा रहे हैं।
अगर आपके मन में भी ये सवाल आता होगा कि सरकार ढेर सारे नोट छापकर देशवासियों को करोड़पति क्यों नहीं बना देती? जब सभी करोड़पति हो जाएंगे तो देश से गरीबी अपने आप दूर हो जाएगी।
क्यों नहीं छापे जाते अधिक नोट
अर्थशास्त्रियों की मानें तो कोई भी देश अपनी मर्जी से नोट नहीं छाप सकता है। नोट छापने के लिए कानून बने हैं। अगर देश में ढेर सारे नोट छपने लगे तो अचानक सभी लोगों के पास काफी ज्यादा पैसा आ जाएगा और उनकी आवश्यकताएं भी बढ़ जाएंगी। इससे महंगाई सातवें आसमान पर पहुंच जाएगी।
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अगर अपनी मर्जी से नोट छापे तो क्या होगा
क्या आपने कभी सोचा है कि अगर कोई देश अपनी मर्जी से नोट छापने लगे तो क्या होगा? दरअसल, कुछ देश ऐसे हैं जिन्होंने नियम से ज्यादा नोट छापे तो आज तक उनको अपनी गलती के लिए पछताना पड़ रहा है।
इन देशों का हुआ बुरा हाल
दक्षिण अफ्रीका में स्थित जिम्बाब्वे ने अधिक नोट छापी थी इससे वहां की करेंसी की वैल्यू इतनी गिर गई कि लोगों को ब्रेड और अंडे जैसी बुनियादी चीजें खरीदने के लिए भी थैले भर-भरकर नोट दुकान पर ले जाने पड़ते थे। नोट ज्यादा छापने की वजह से वहां एक अमेरिकी डॉलर की वैल्यू 25 मिलियन जिम्बाब्वे डॉलर के बराबर हो गई थी।
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दक्षिणी अमेरिकी देश वेनेजुएला ने भी केंद्रीय बैंक ने अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए ढेर सारे नोट छाप डाले। इससे वहां, महंगाई हर 24 घंटे में बढ़ने लगी यानी खाने-पीने की चीजों के दाम रोजाना डबल हो जाते थे। बाजार में रोजमर्रा के सामान मिलना बंद हो गया। यहां एक लीटर दूध और अंडे खरीदने की खातिर लोगों को लाखों नोट खर्च करने पड़ रहे हैं। पिछले साल यहां महंगाई बढ़कर 1 करोड़ फीसदी हो चुकी है।
तो इसलिए नहीं RBI नहीं छापती ज्यादा नोट
तो अब आप समझ ही गए होंगे कि आरबीआई ढेर सारे नोट क्यों नहीं छापती, क्योंकि अगर उसने ऐसा किया तो भारत का हाल भी इन्हीं देशों की तरह हो जाएगा। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकार नहीं चाहेगी कि भारत में ऐसे हालात पैदा हों। यही वजह है कि नोटों की छपाई हर चीज को ध्यान में रखकर की जाती है।