Adani Group: अदाणी पोर्ट्स का कार्गो वॉल्यूम बढ़कर 30 करोड़ मीट्रिक टन हुआ, बनी भारत की सबसे बड़ी परिवहन कंपनी
Adani Group:एपीएसईज़ेड के सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक करण अदाणी ने बताया कि "हमारे कार्गो वॉल्यूम में हुई तेज वृद्धि अपनी रणनीति को कार्यान्वित करने की हमारी क्षमता का प्रमाण है।"
Ahmedabad: भारत में सबसे बड़ी एकीकृत परिवहन कंपनी और विभिन्न व्यवसायों में सक्रिय अदाणी ग्रुप (Adani Group) की कंपनी, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड ("एपीएसईज़ेड"), ने वर्ष के अंत (मार्च 2022) से पहले ही 300 एमएमटी कार्गो की हैंडलिंग करके ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। दो दशक पहले ही परिचालन शुरू करने वाले एपीएसईज़ेड ने अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। एपीएसईज़ेड अखिल भारतीय कार्गो वॉल्यूम वृद्धि से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और इसकी बाजार हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है।
एपीएसईज़ेड के सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक करण अदाणी (Karan Adani) ने बताया कि "हमारे कार्गो वॉल्यूम में हुई तेज वृद्धि अपनी रणनीति को कार्यान्वित करने की हमारी क्षमता का प्रमाण है। हमारी एकीकृत लॉजिस्टिक्स क्षमताओं के साथ जुड़ा हुआ, भारतीय समुद्र तट पर बंदरगाहों का हमारा नेटवर्क प्रौद्योगिकी-सक्षम डिजिटल परिचालन पर ध्यान केंद्रित करता है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमने अपने ग्राहकों और भागीदारों (जिसमें वैश्विक शिपिंग लाइनें शामिल हैं) के साथ गहरे संबंध बनाए हैं, और ये सब मिलकर एपीएसईज़ेड को एक संपूर्ण एकीकृत बंदरगाह और लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म बनाते हैं जो एक-दूसरे की प्रगति में योगदान देते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि हमारी क्षमताओं को देखते हुए हमारे विकास में आई तेजी जारी रहेगी। हमारी क्षमताएं अब अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ हैं और बढ़ती हुई भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सहायक हैं।"
सस्टेनेबल विकास में मदद
अदाणी ने कहा कि "यह उपलब्धि वैश्विक बाजार और भू-राजनीतिक अस्थिरता के कारण हो रहे तेज परिवर्तनों के अनुकूल होने के साथ ही एपीएसईज़ेड की क्षमता को भी रेखांकित करती है और एपीएसईज़ेड के सस्टेनेबल विकास में मदद करती है। हमारे विकास को आगे बढ़ाने वाली अपनी समर्पित टीमों और व्यावहारिक तौर पर इसे साकार करने वाले हमारे महान कार्यबल मैं धन्यवाद देता हूं। हम 2025 तक 500 एमएमटी के अपने लक्ष्य तक पहुंचने और 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी निजी बंदरगाह कंपनी के रूप में उभरने के प्रति आश्वस्त हैं।"
एपीएसईज़ेड कार्गो वॉल्यूम बढ़ाने में लगने वाले समय में लगातार तेजी ला रहा है। जहां इसे प्रति वर्ष 100 एमएमटी (अपने पोर्टफोलियो में पांच पोर्ट के साथ) हासिल करने में 14 वर्ष लगे, वहीं एपीएसईज़ेड ने अगले पांच वर्षों में इसे दोगुना करते हुए 200 एमएमटी वार्षिक (अपने पोर्टफोलियो में नौ पोर्ट के साथ) कर दिया। अब अपने पोर्टफोलियो में 12 पोर्ट के साथ, एपीएसईज़ेड की प्रति वर्ष 300 एमएमटी हैंडलिंग करने की महत्वपूर्ण उपलब्धि सिर्फ तीन वर्षों में हासिल हुई है। उल्लेखनीय है कि 200 एमएमटी से 300 एमएमटी तक की तीन वर्ष की यात्रा में महामारी के कारण पैदा हुई वैश्विक आर्थिक मंदी के दो वर्ष भी शामिल हैं।
प्रतिबद्धताओं को भी अच्छी तरह से पूरा किया है
अपने व्यवसाय परिचालन में तेजी लाने के साथ-साथ, एपीएसईज़ेड ने सतत विकास (सस्टेनेबिलिटी) के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को भी अच्छी तरह से पूरा किया है। ऊर्जा और उत्सर्जन की तीव्रता में 2016 के स्तर से लगभग 30% की कमी आई है। रबर टायर्ड गैन्ट्री क्रेन्स (आरटीजी) का विद्युतीकरण पूरा कर लिया गया है, और क्वे क्रेन्स और मोबाइल हार्बर क्रेन्स का विद्युतीकरण प्रगति पर है, जिसको वर्ष 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
डीजल आधारित इंटरनल ट्रांसफर व्हीकल्स (आईटीवी) को इलेक्ट्रिक आईटीवी से बदला जा रहा है। 100 इलेक्ट्रिक आईटीवी का पहला बैच 2022 के मध्य में आने की संभावना है और उम्मीद है कि आईटीवी की कुल संख्या 2023 में 400 को पार कर जाएगी। एक अन्य ग्रीन पोर्ट पहल के तहत ईंधन के रूप में एलएनजी का उपयोग करने वाले जहाजों के लिए पोर्ट ड्यूज़, पाइलोटेज और बर्थ किराया शुल्क में 50% की छूट है। पहले से चल रहे वनीकरण और कई अन्य हरित उपायों के साथ, एपीएसईज़ेड 2025 तक कार्बन न्यूट्रलिटी के अपने लक्ष्य को हासिल करने की राह पर है।
अदाणी पोर्ट्स एवं स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन के बारे में
विश्व स्तर पर विभिन्न व्यवसायों का परिचालन करने वाले अदाणी ग्रुप की कंपनी, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (एपीएसईज़ेड) एक पोर्ट कंपनी से विकसित होकर एक एकीकृत परिवहन कंपनी के रूप में विकसित हुई है, जो अपने पोर्ट गेट से कस्टमर गेट तक एंड-टू-एंड समाधान प्रदान करती है। एपीएसईज़ेड भारत में सबसे बड़ा पोर्ट डेवलपर और ऑपरेटर है, जिसके पश्चिमी तट पर रणनीतिक रूप से स्थित 6 बंदरगाह और टर्मिनल हैं (गुजरात में मुंद्रा, दहेज, टूना और हजीरा, गोवा में मोरमुगाओ और महाराष्ट्र में दिघी) और भारत के पूर्वी तट पर 6 बंदरगाह और टर्मिनल हैं (ओडिशा में धामरा, आंध्र प्रदेश में गंगावरम, विशाखापत्तनम और कृष्णापट्टनम, और चेन्नई में कट्टुपल्ली और एन्नोर)। ये सब मिलकर देश की कुल बंदरगाह क्षमता के 24% प्रतिनिधित्व करते हैं, तथा तटीय क्षेत्रों और दूर-दराज के इलाकों से भारी मात्रा में कार्गो हैंडलिंग क्षमता प्रदान करते हैं। कंपनी केरल के विझिंजम और श्रीलंका के कोलंबो में दो ट्रांसशिपमेंट पोर्ट भी विकसित कर रही है।
इसका 'पोर्ट्स टू लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म' पर पोर्ट सुविधाएं, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, ग्रेड ए वेयरहाउस और औद्योगिक आर्थिक क्षेत्रों सहित एकीकृत लॉजिस्टिक्स क्षमताएं मौजूद हैं जो वैश्विक सप्लाई चेन में होने वाले संपूर्ण बदलाव से लाभ उठाने की भारत की तैयारी को देखते हुए, हमें विशेष लाभदायक स्थिति में रखते हैं। हमारी सोच अगले दशक में दुनिया का सबसे बड़ा पोर्ट और लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म बनने की है।
2025 तक कार्बन न्यूट्रल होने के लक्ष्य के साथ, एपीएसईज़ेड साइंस बेस्ड टारगेट्स इनिशिएटिव (एसबीटीआई) के लिए हस्ताक्षर करने वाला पहला भारतीय पोर्ट और विश्व का तीसरा पोर्ट है, जो ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने के लिए उत्सर्जन में कमी लाने के लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध है। अधिक जानकारी के लिए, कृपया www.adaniports.com देखें।