Terrorists in Kashmir: अफगानिस्तान से आए विदेशी आतंकी, कश्मीर में घुसपैठ की फिराक में
Terrorists in Jammu Kashmir: कश्मीर घाटी में नियंत्रण रेखा के पार आतंकियों के लॉन्चपैड गतिविधियों से गुलजार हैं।
Afghanistan Terrorists in Kashmir: अफगानिस्तान में अमेरिका के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले तालिबान समर्थक विदेशी आतंकी अब भारत में अपनी हरकतें चलाने की फिराक में हैं। कश्मीर में सीमापार से आये सैन्य साजोसामान की बरामदगी और मुठभेड़ में विदेशी आतंकियों के मारे जाने से स्थिति स्पष्ट हो गई है। हाल ही में दो ऐसे आतंकी मारे गए जो पश्तो भाषा बोलते थे।
बताया जाता है कि कश्मीर घाटी में नियंत्रण रेखा के पार आतंकियों के लॉन्चपैड गतिविधियों से गुलजार हैं। माना जाता है कि अफगान में भाड़े सैनिक भारत में घुसने की फिराक में हैं। पिछले साल अगस्त से सीमा पार इन पुन: सक्रिय लॉन्चपैड्स पर ढेरों आतंकवादी मौजूद हैं। ये आतंकवादी अफगान युद्ध के बाद खाली हो हैं और इनमें में भी ज्यादातर पाकिस्तानी भाड़े के सैनिक हैं।
सेना प्रमुख जनरल मनोज नरवणे ने कहा है कि कश्मीर में अफगानिस्तान के सैन्य उपकरण जब्त होने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि, 2000 में जब पिछली तालिबान सरकार थी तब भी सेना ने कश्मीर में भी अफगान आतंकवादियों को पकड़ा था या मार डाला था। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से हथियारों और अन्य उपकरणों की संख्या में वृद्धि हुई है, विशेष रूप से नाइट-विज़न डिवाइस बड़ी संख्या में मिली हैं जो निश्चित रूप से अफगानिस्तान से आई हैं।
चार महीनों में मारे गए आतंकवादियों की संख्या ज्यादा
दरअसल, अमेरिका की सेना की वापसी के बाद अफगानिस्तान में तालिबान और अन्य गुटों के हाथ सैन्य साजोसामान का जखीरा लग गया है जिसका इस्तेमाल अन्य देशों में गड़बड़ी फैलाने के लिए किया जा सकता है।
इस बीच जम्मू कश्मीर पुलिस ने बताया है कि पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में इस साल के पहले चार महीनों में कश्मीर में मारे गए आतंकवादियों की संख्या में भारी उछाल देखा गया है। आंकड़ों के मुताबिक, साल की शुरुआत से अब तक घाटी में 62 आतंकवादी मारे जा चुके हैं; जबकि 2021 के पहले चार महीनों में 37 आतंकियों की मौत हो गई थी।इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इस साल मारे गए 62 में से 15 की पहचान "विदेशी" आतंकवादियों (पाकिस्तान से) के रूप में की गई है। इसके विपरीत, 2021 के पहले चार महीनों में कोई भी विदेशी आतंकवादी नहीं मारा गया था। वास्तव में पूरे वर्ष में मारे गए विदेशी आतंकवादियों की कुल संख्या सिर्फ 20 थी (2021 में कश्मीर में कुल 168 आतंकवादी मारे गए)।
बताया जाता है कि कश्मीर में फिलहाल जितने आतंकी ऑपरेट कर रहे हैं उनमें आधे विदेशी हैं। ये पाकिस्तान या किसी अन्य देशों के नागरिक हो सकते हैं और इनका काम अलग अलग जगहों पर हालात बिगाड़ना होता है।
क्या होते हैं भाड़े के सैनिक
आमतौर पर सैनिक अपने देश की रक्षा के लिए लड़ते हैं। उनकी पूरी वफादारी अपने देश के प्रति होती है। लेकिन भाड़े के सैनिकों की कोई वफादारी या ईमान नहीं होता। ये सिर्फ पैसे के लिए लड़ते हैं। जो उनको पैसा देता है वे उसके लिए ऑपरेट करते हैं। अफ्रीका, साउथ अमेरिका के तमाम देशों में भाड़े के सैनिकों के कारनामे सामने आए हैं। फिलवक्त यूक्रेन में बड़ी संख्या में भाड़े के सैनिक दोनों तरफ से लड़ रहे हैं।