बड़ी खुशखबरी: अमेरिका देगा आस्ट्रा जेनका की 6 करोड़ सरप्लस वैक्सीन
कोरोना महामारी से जूझ रहे देशों को अमेरिका अस्ट्रा जेनेका की 6 करोड़ वैक्सीन देगा।
लखनऊ: कोरोना महामारी (Coronavirus)से जूझ रहे देशों को अमेरिका (America) अस्ट्रा जेनेका (AstraZeneca) की 6 करोड़ वैक्सीन ( Vaccine) देगा। इन देशों में भारत (India) प्रमुख है। अभी ये तय नहीं है कि वैक्सीन कब भेजी जाएंगी।
दरअसल, अमेरिका के कुछ राज्यों में डिमांड से ज्यादा वैक्सीन सप्लाई है। पूरे देश में वैक्सीनेशन की बेहतरीन स्थिति बन रही है। ऐसे में बिडेन अब सरप्लस वैक्सीन अन्य देशों को देने पर विचार कर सकते हैं। जहां तक सरप्लस वैक्सीनों की बात है तो अस्ट्रा जेनेका की वैक्सीन सरप्लस हैं। अमेरिका ने इन्हें अपने इस्तेमाल के लिए बनवाया लेकिन नियामक द्वारा इन वैक्सीनों को अमेरिका में लगाने की मंजूरी नहीं मिली है। इन वैक्सीनों को विदेश भेजने का मतलब है कि अस्ट्रा जेनेका का इस्तेमाल अमेरिका नहीं करेगा। वैसे भी अमेरिका ने अपनी कुल आबादी से 55 करोड़ ज्यादा वैक्सीन बनवाई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रेसिडेंट बिडेन से फोन और बातचीत में आग्रह किया है कि वे फाइजर और मोडर्ना कि वैक्सीनों के पेटेंट और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स में ढील दे दें ताकि भारत में ये वैक्सीन बन सकें। लेकिन बिडेन ने इस बारे में कोई कमिटमेंट नहीं किया है। अगर पेटेंट में ढील मिल जाती है तो भारत को बहुत बड़ी राहत मिल जाएगी।
विषाक्तता फैलने का संदेह
बहरहाल, अस्ट्रा जेनेका की वैक्सीन पर एक विवाद है। वो ये कि बाल्टीमोर में इमर्जेंट बायो सोलुशन कम्पनी के जिस प्लांट में ये बनी थीं वहां विषाक्तता फैलने का संदेह है। एफडीए द्वारा प्रमाणित किया जाना बाकी है कि प्लांट में बनी खुराकें सुरक्षित हैं और उनकी क्वालिटी में कोई कमी नहीं है। इसी प्लांट में बनी 40 लाख खुराकें पिछले महीने मेक्सिको को दी गई थीं।