Bijali Sankat Gahraya: भारत में गहराया बिजली संकट, अब देश ने कतर से मांगी गैस

Bijali Sankat Gahraya: जबर्दस्त बिजली संकट से जूझ रहे भारत ने अब कतर से नेचुरल गैस की सप्लाई जल्दी करने का आग्रह किया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shreya
Update:2021-10-19 11:02 IST

LNG गैस (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Bijali Sankat Gahraya: जबर्दस्त बिजली संकट (Bijali Sankat) से जूझ रहे भारत ने अब कतर से नेचुरल गैस की सप्लाई (Natural Gas Ki Supply) जल्दी करने का आग्रह किया है। कतर से एलएनजी के 58 जहाज आने हैं। लेकिन सप्लाई में विलंब हो रहा है।

कतर की सरकारी कम्पनी कतर गैस के यहां मेंटेनेंस का काम चलने की वजह से भारत को इस साल मिलने वाले एलएनजी के 50 जहाज में देरी हो रही है। चूंकि भारत में कोयले की सप्लाई (Koyle Ki Supply) में दिक्कतें आने से बिजली प्रोडक्शन बाधित हो रहा है सो अब लिक्विफाइड नेचुरल गैस (LNG) की सप्लाई जल्द से जल्द हासिल करने की कवायद की जा रही है। अब तेल मंत्रालय ने कतर गैस को पत्र लिख कर जल्द सप्लाई भेजने का आग्रह किया है। भारत को पिछले साल ही जो सप्लाई मिलनी थी, वह पूरी नहीं हो पाई है। क्योंकि पिछले साल लॉकडाउन के कारण गैस की मांग (Gas Ki Mang) कम हो गई थी।

भारत में गैस का सबसे बड़ा आयातक पेट्रोनेट एलएनजी (Petronet LNG) है, जिसने कतर से प्रतिवर्ष 7.5 मिलियन टन एलएनजी खरीदने का करार किया हुआ है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया से एक्सान कंपनी से प्रतिवर्ष 1.44 मिलियन टन एलएनजी खरीदने का अग्रीमेंट है।  

(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

एलएनजी के दाम चढ़े

जिस तरह कोयले के साथ बिजली संकट बढ़ा है, उसमें एलएनजी के दाम भी चढ़ गए हैं। जहां पहले एलएनजी के दाम 11 डॉलर प्रति मिलियन टन होता था, वहीं अब ये 56 डॉलर पहुंच गया है। ऊंचे दामों के कारण भारत ने अगस्त महीने में ही गैस का इम्पोर्ट लटका दिया था। पेट्रोनेट एलएनजी के अनुसार एलएनजी के दाम 10 डॉलर प्रति मिलियन से ज्यादा होते ही बिजली कंपनियों ने गैस की खरीद घटा दी थी।

भारत में गैस से बिजली बनाने की क्षमता 24 गीगा वॉट की है। गैस की उपलब्धता न होने के कारण इसमें से 14 गीगा वॉट की क्षमता पिछले दस साल से बेकार पड़ी है। बाकी के प्लांट चल तो रहे हैं । लेकिन बहुत ही कम क्षमता पर। 

गैस की कीमतें उच्चतम स्तर पर 

प्राकृतिक गैस की कीमतें भी अतंरराष्ट्रीय बाजार में सात वर्षों के उच्चतम स्तर पर हैं। चीन, ब्रिटेन व दूसरे यूरोपीय देशों की तरफ से भारी डिमांड होने के कारण कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। चीन ने तो अपने बिजली संकट को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर तात्कालिक नेचुरल गैस की खरीद शुरू कर दी है। उसने कतर से गैस खरीदने के लिए अगले 15 साल का करार कर लिया है।

भारत अपनी जरूरत का 45 फीसदी गैस आयात करता है। इसमें तेजी से बढ़ोतरी भी होने वाली है। भारत में घरेलू गैस की कीमत भी अंतरराष्ट्रीय बाजार से संबंधित है। घरेलू खनन क्षेत्रों से निकाले गए गैस की कीमत भी 62 फीसदी बढ़ चुकी है, जिसके बाद देशभर में पीएनजी और सीएनजी की कीमतों में इजाफा किया गया है।

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