Black Money के खिलाफ जंग में बड़ी सफलता, स्विस बैंक ने दी भारतीय खाताधारकों की तीसरी लिस्ट

काला धन के खिलाफ जंग में नरेंद्र मोदी सरकार को मिली एक और सफलता, स्विस बैंक ने सौंपी ​तीसरी लिस्ट

Report :  aman
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-10-11 23:23 IST

स्विस बैंक की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Black Money: काला धन के खिलाफ जंग (Kale Dhan Ke Khilaf Jang) में केंद्र की मोदी सरकार को बड़ी सफलता हासिल हुई है। स्विट्जरलैंड की सरकार ने भारतीयों के स्विस बैंक (swiss bank ki list) खातों की तीसरी सूची भारत सरकार (Indian government) को मुहैया कराई है। ज्ञात हो, कि काला धन (Black Money) मामले पर स्विट्जरलैंड के साथ भारत सरकार (Indian government) की संधि के तहत यह जानकारी मिली है। इस संधि में काला धन (black money) से जुड़ी सूचना के आदान-प्रदान की नई व्यवस्था है। स्विस सरकार ने कहा है, कि उसने 96 देशों के साथ 33 लाख वित्तीय खातों की जानकारी साझा की है।

भारत दुनिया के उन 96 देशों में शामिल है, जिसके साथ स्विट्जरलैंड के संघीय कर प्रशासन (FTA) ने इस साल सूचना के स्वत: आदान-प्रदान पर वैश्विक मानकों के ढांचे के तहत वित्तीय खातों की जानकारी उपलब्ध कराई है। इससे पहले पिछले साल यानि अक्टूबर 2020 में स्विस सरकार ने 86 देशों के साथ 31 लाख वित्तीय खातों की जानकारी साझा की थी। वहीं, सबसे पहले सितंबर 2019 में स्विट्जरलैंड ने भारत सहित 75 देशों के साथ ऐसी जानकारी साझा की थी। 

इस साल 10 नए देशों को मिली जानकारी

संघीय कर प्रशासन ने इस संदर्भ में सोमवार (11 अक्टूबर 2021) को कहा, कि इस साल 10 अन्य देशों को सूचना का आदान-प्रदान किया गया है। ये देश हैं एंटीगुआ और बारबुडा, डोमिनिका, घाना, मकाऊ, अजरबैजान, लेबनान, पाकिस्तान, कतर, समोआ और वानूआतू।

अभी विवरण का खुलासा नहीं

हालांकि, एफटीए ने उन 96 देशों के नामों और आगे के विवरण का खुलासा अभी नहीं किया है। इस संबंध में अधिकारियों ने कहा, कि भारत को लगातार तीसरे साल सूचना मिली है। भारतीय अधिकारियों के साथ साझा किए गए विवरण स्विस वित्तीय संस्थानों में बड़ी संख्या में व्यक्तियों और कंपनियों के खाते से संबंधित हैं।

12 देशों ने जानबूझकर जानकारी नहीं प्राप्त की 

बताते चलें, कि 26 देशों ने स्विट्जरलैंड के साथ जानकारी तो साझा की, लेकिन बदले में स्विस सरकार ने अपनी ओर से उन्हें जानकारी नहीं दी। माना जा रहा है, कि डाटा सिक्योरिटी की वजह से 14 देशों को स्विट्जरलैंड ने जानकारी साझा करने से मना किया है। जबकि, 12 देशों ने जानबूझकर जानकारी नहीं प्राप्त करने पर सहमति जताई।

भारतीय नागरिकों और संस्थाओं के बारे में सूचना

पिछले साल जब 86 देशों के साथ स्विट्जरलैंड सरकार ने गोपनीय दस्तावेज साझा किए थे, तब अधिकारियों की ने बताया था कि तीन मिलियन से अधिक वित्तीय खातों के बारे में जानकारी आदान-प्रदान की गई, जिनमें में बड़ी संख्या भारतीय नागरिकों और संस्थाओं से जुड़ी है। स्विस अधिकारियों ने तब कहा था, कि बीते एक साल में 100 से अधिक भारतीय नागरिकों और संस्थाओं के बारे में जानकारी साझा की है।

कुछ मामले इनसे भी संबंधित थे

पिछले साल साझा किए दस्तावेजों में से कुछ मामले भारतीयों द्वारा विभिन्न विदेशी कोर्ट जैसे पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स और केमैन आइलैंड्स में स्थापित संस्थाओं से संबंधित थे, जबकि व्यक्तियों में ज्यादातर व्यापारी, कुछ राजनेता और तत्कालीन राजाओं के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों के भी शामिल थे। हालांकि, अधिकारियों ने भारतीयों द्वारा रखे गए खातों में मौजूद खातों की सही संख्या या संपत्ति के बारे में विवरण साझा करने से इनकार कर दिया था।

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