Kolkata Rape Murder Case: डॉक्टर के शरीर पर 26 गंभीर निशान.., CBI का दावा सोचने पर कर देगा मजबूर

Kolkata Rape Murder Case: सीबीआई की जांच के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। गुरूवार को सीबीआई ने हैरान कर देने वाला दावा किया है कि रेजिडेंट डॉक्टर के शरीर पर 26 गंभीर चोट के निषान मिले थे।

Update:2024-10-03 17:13 IST

कोलकाता डॉक्टर मर्डर केस में सीबीआई का हैरान कर देने वाला दावा (सोशल मीडिया)

Kolkata Rape Murder Case: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या के मामले में सीबीआई जांच चल रही है। सीबीआई की जांच के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। गुरूवार को सीबीआई ने हैरान कर देने वाला दावा किया है कि रेजिडेंट डॉक्टर के शरीर पर 26 गंभीर चोट के निशान मिले थे।

जांचकर्ताओं ने इन गंभीर चोटों को लेकर कहा कि किसी भी अकेले शख्स के लिए इतनी दरिंदगी के साथ गंभीर चोट पहुंचाना नामुमकिन है। प्रशिक्षु महिला डॉॅक्टर के शरीर पर मिले चोटों के निशान से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हत्यारे या फिर हत्यारों का मुख्य उद्देश्य ही महिला डॉक्टर की हत्या करना था। प्रारंभिक जांच में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जानबूझकर जांच को उलझाने के लिए दुराचार की घटना को सबसे सामने लगाया गया है। 

जांच प्रणाली में विसंगतियों की मिली शिकायतें

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के मुताबिक बीते कुछ दिनों से हमें मेडिकल कॉलेजों में कथित तौर पर डराने-धमकाने और जांच प्रणाली में विसंगतियों को लेकर कई शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि शिकायतों को लेकर सटीक संकलित आंकड़े तो नहीं हैं। लेकिन कथित तौर पर मिल रही सभी शिकायतों को राज्यस्तरीय शिकायत निवारण समिति को भेज दिया गया है।

वहीं एक अन्य अधिकारी ने इस मामले को लेकर कहा कि राज्य के 25 सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में से छह से इस तरह की शिकायतें आई हैं। जूनियर डॉक्टरों के आंशिक रूप से काम पर वापसी करने के बाद बीते माह के अंत तक कई शिकायतें मिल रही हैं। कुछ शिकायतें राज्य के स्वास्थ्य सचिव और कुछ राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय को भेज दी गई थीं। कुछ शिकातयों को निवारण के लिए स्वास्थ्य सेवा निदेशक को भेजा गया है।

सभी शिकायतों की सूची तैयार की गयी है और निवारण समिति को भेजा गया है। धमकाने के आरोपों के बाद नादिया जनपद के कॉलेज ऑफ मेडिसिन और जेएनएम अस्पताल में 40 चिकित्सकों को छह माह के लिए सस्पेंड कर दिया गया। सस्पेंड किये गये डॉक्टरों को केवल परीक्षा के दौरान ही परिसर में आने की अनुमति दी गई है।

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