कोवैक्सीन को अमेरिका ने बताया असरदार, भारत में उठे थे कई सवाल

कोरोना के मामले रोजाना तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन भारत में कोवैक्सीन लेने वाले लोगों का एक जल्द ही आया डाटा कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच राहत देने वाला है।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-04-28 14:54 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वैक्सीन 'कोवैक्सीन' के प्रभावी होने को लेकर भारत में कई सवाल खड़े किए गए थे, लेकिन अब अमेरिका के महामारी विशेषज्ञ ने इसे असरदार बताया है। ऐसे में व्हाइट हाउस के मेडिकल एडवाइज़र एंथॉनी फाउची मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कोवैक्सीन B.1.617 वेरिएंट मतलब भारत के डबल म्यूटेंट वेरिएंट को बेअसर करने में कारगर पाई गई है।

एंथॉनी फाउची ने कहा, 'कोरोना के मामले रोजाना तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन भारत में कोवैक्सीन लेने वाले लोगों का एक जल्द ही आया डाटा कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच राहत देने वाला है। दरअसल कोवैक्सीन वायरस के 617 वेरिएंट को बेअसर करने में कारगर पाई गई है।'

वैक्सीनेशन का काफी अहम रोल 

ऐसे में डॉ. फाउची ने आगे कहा, 'वास्तविक कठिनाई के बावजूद हम भारत में जो देख पा रहे हैं, इस महामारी में वैक्सीनेशन एक बेहद महत्वपूर्ण रोल अदा कर सकता है।'

आपको बता दें कि भारत बायोटेक ने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरलॉजी और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के सहयोग से इस वैक्सीन को डेवलप किया है। वहीं 3 जनवरी को ही इस वैक्सीन को इमरजेंसी यूज़ के लिए मंजूरी मिली थी, जिसका क्लीनिकल ट्रायल अभी भी जारी है।

वहीं ICMR के अनुसार, ट्रायल रिजल्ट में वैक्सीन का एफिकेसी रेट 78 फीसदी दर्ज किया गया था। B.1.617 वेरिएंट के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र और दिल्ली में देखने को मिले हैं। इसके तीन नए स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन्स हैं। 

इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को कहा था कि भारत में कोरोना वायरस से दहशत के लिए B.1.617 वेरिएंट ही जिम्मेदार है। ये वेरिएंट अब तक दर्जनों देशों में पाया जा चुका है।

महामारी के लेकर यूएन हेल्थ एजेंसी के अनुसार, कोविड-19 का B.1.617 वेरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया था। मंगलवार को GISAID ओपन-एक्सेस डेटाबेस पर अपलोड किए गए 17 देशों के डेटा में 1,200 से अधिक सीक्वेंस में ये वेरिएंट पाया गया है।

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