Delta Plus Variants: डेल्टा प्लस वेरिएंट क्या है? वैक्सीन इस पर कितनी असरदार

Delta Plus Variants: डेल्टा प्लस वेरिएंट के केस 11 देशों में मिल चुके हैं और यह अल्फा की तुलना में 35-60 फीसदी अधिक संक्रामक है।

Written By :  Akhilesh Tiwari
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-06-24 17:29 IST

डेल्टा प्लस वैरियंट (फोटो-सोशल मीडिया)

Delta Plus Variants: कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के उभार ने एक बार फिर भारत से लेकर दुनियाभर कि सरकारों और विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। डेल्टा प्लस वेरिएंट डेल्टा का म्यूटेशन से आया है। डेल्टा को भारत में दूसरी लहर में तबाही के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

डेल्टा प्लस वेरिएंट के केस 11 देशों में मिल चुके हैं और यह अल्फा की तुलना में 35-60 फीसदी अधिक संक्रामक है। आइए जानते हैं डेल्टा प्लस से कितना खतरा है और क्या यह तीसरी लहर के लिए जिम्मेदार हो सकता है।

डेल्टा प्लस वेरिएंट क्या है?

(What is the delta plus variant?)

यह नया स्वरूप डेल्टा प्लस (एवाई.1) भारत में सबसे पहले सामने आए डेल्टा (B.1.617.2) में म्यूटेशन से बना है। इसके अलावा K41N नाम का म्यूटेशन जो दक्षिण अफ्रीका में बीटा वेरिएंट में पाया गया था उससे भी इसके लक्षण मिलते हैं। इसलिए यह ज्यादा खतरनाक है।

कोरोना वैरियंट (फोटो-सोशल मीडिया)

पिछले वेरिएंट से कितना खतरनाक?

(How dangerous is the previous variant?)

कुछ विषाणु वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि यह वेरिएंट अल्फा की तुलना में 35-60 फीसदी अधिक संक्रामक है।

क्या इस पर वैक्सीन काम नहीं करती है?

(Does the vaccine not work on this?)

भारत के शीर्ष विषाणु विज्ञानी और इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोम सिक्वेंसिंग कंसोर्टियम के पूर्व सदस्य प्रोफेसर शाहिद जमील ने कहा है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट वैक्सीन और इम्युनिटी दोनों को चकमा दे सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि डेल्टा प्लस में वे सारे लक्षण हैं जो डेल्टा वेरिएंट में थे।

साथ ही बीटा वेरिएंट के लक्षण भी इसमें हैं। हमें पता है कि वैक्सीन का असर बीटा वेरिएंट पर कम है। बीटा वेरिएंट वैक्सीन को चकमा देने में अल्फा और डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा तेज है। हालांकि, सरकार ने अध्ययनों के हवाले से कहा है कि डेल्टा वेरिएंट पर कोविशील्ड और कोवैक्सीन प्रभावी है।

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