Diwali 2021: दीवाली पर कुछ ऐसे करें रोशनी, इस तरह साथ मिलकर बांटें खुशियां
Diwali 2021: दीवाली में अपने परिवार के साथ मिलकर अपने ही घर में मंदिर का रूप देकर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन करे और भीड़ में मंदिर जाने से बचें।
Diwali 2021: दीपावली का त्योहार अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का संदेश देता है। वह बताता है कि कोई भी घनी अंधेरी रात ऐसी नहीं हो सकती जिसके अंधेरे को कोई प्रकाश चीर न सके। अगर इसे और व्यापक रूप में देखें तो कई और मायने निकल सकते हैं। खासतौर पर दिवाली से कुछ दिन पहले लोग अपने घरों की साफ सफाई , रंगाई का काम शुरू कर देते हैं।
पहले यह काम सालाना उत्सव की तर्ज़ कर उत्सव के बहाने ही होता था। लेकिन आज के समय में दीवाली ही नहीं कभी भी जब लोगों के घरों में कोई खास मौका आता है लोग साफ सफाई का काम शुरू कर देते हैं। कोरोना काल ने तो हम सबको इसके लिए खासा सचेत किया है।
आज से दशकों पहले लोग स्वतंत्र इमारतों में रहते थे । जिसकी सफाई साल में एक बार जरूर की जाती थी। इसके लिए खासकर हिंदू परिवार दीपावली का अवसर चुनता था। लेकिन अब परिवार भी सीमित हो चुके है । न्यूक्लियर हो गये हैं।
फ्लैट में रहने के अपने फायदे
नतीजन लोगों ने अपने रिहाइश के तौर तरीक़े बदले हैं। रहने के लिए लोग फ्लैट चुनने लगे हैं। फ़्लैट सुरक्षा के लिहाज़ से लोगों को ख़ासा सूट करते हैं। इसी के साथ इंडिपेंडेंट हाउस में पूरे परिवार का एक साथ बाहर जाना संभव नहीं हो पाता।
जबकि फ़्लैट को जब चाहे लॉक करके आप पूरे परिवार के साथ कहीं भी जा सकते हैं। फ्लैट में रहने के अपने फायदे होते हैं, सीमित होने और क्षेत्र भी कम होने से सफाई के कार्य में ज्यादा समय नहीं लगता है।
पिछले वर्ष 2020 के कोरोना महामारी ने अभी सभी त्योहार के मायने बदल दिए हैं। हालांकि त्योहार मनाने का तरीका वही है । लेकिन सामाजिक दूरी रखने की हिदायत के कारण सार्वजनिक रूप में आयोजन नही किया जा रहा है। लोगों का जमावड़ा नहीं हो पाता। समूह का आनंद नहीं मिल पाता है।
अगर दिवाली की बात करें तो हर घर में इस दौरान नई वस्तु लाने का चलन चलता आ रहा है। बीते वर्ष से यह त्योहार थोड़ा फीका पड़ गया है। एक ओर जहां भीड़ भाड़ में बाजार में खरीदारी में हिदायत बरतने की सलाह दी जा रही है, वहीं दूसरी ओर कई रोजगार बंद हो जाने या लोगों की नौकरियां जाने से परिवार में वह पुराना माहौल नहीं बचा है।
लेकिन इन हालातों में भी अगर हम सब चाहें तो मिलकर एक दूसरे की खुशियां दूनी कर सकते हैं। पिछले साल से बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है, जिन घरों में मोबाइल , लैपटॉप, कंप्यूटर जरूरत से ज्यादा या बिना काम के पड़े हैं इस दिवाली किसी गरीब या जरूरतमंद को देकर उसकी दिवाली को रोशनी कर सकते हैं।
गरीब परिवारों के लिए खुशी
आज कई गैर सरकारी संस्थाएं ऐसे उपकरणों को डोनेशन के माध्यम से लेकर उन छात्र छात्राओं तक पहुंचाने का काम कर रहीं हैं। इन वस्तुओं में आप बच्चों के पुराने किताब कॉपी भी जरूरतमंदों तक दे सकते हैं।
पिछले वर्ष कोरोना के भय से ज्यादातर लोगों ने दुकान जाकर शॉपिंग नहीं की। कई घरों में पुराने कपड़े या इस्तेमाल नहीं किए जा रहे कपड़ों का संग्रह पड़ा हुआ है। दिवाली के दौरान इन कपड़ों को भी जरूरतमंद तक पहुंचाकर अपने घर के अलमीरा में नए कपड़ों के लिए जगह बना सकते हैं।
इन पुराने कपड़ों का इस्तेमाल भी कई गरीब परिवारों के लिए खुशी ला सकता है, जिनके पास खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं। इस कार्य के भी गैर सरकारी संगठनों की मदद ली जा सकती है।वैसे कुछ स्वयंसेवी संगठन यह काम कर भी रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहित करने की ज़रूरत है।
दिवाली पर तोहफा देने का चलन है, तो क्यों न इस बार लोगों के घर हरियाली पहुचाई जाए। आज कल हर घर अपने किसी कोने में एक पौधा जरूर रखता है। अगर अपने घरों के हिसाब से पौधों की सजावट करें तो घर में रौनक आ जाए। साथ ही अपने मित्र, रिश्तेदार को भी पौधा उपहार स्वरूप दे तो ज्यादा अच्छा रहेगा।
जहां तक हो सके घर में ही व्यंजन पकवान बनाने की कोशिश करें। बाहर की चीजों को खाने से बचे । डिब्बा बंद चीजों से परहेज़ करना ज़रूरी है। क्योंकि ये स्वादिष्ट तो बना दी जाती है पर स्वादिष्ट बनाने और पैकिंग में लंबे समय तक सुरक्षित बनाये रखने में जो कुछ इस्तेमाल किया जाता है, वे सब बेहद हानिकारक होती हैं। सेहत को दुरुस्त रखना भी बहुत जरूरी है ।सेहत से अमूल्य उपहार इस दुनिया में कोई नहीं।
विदेशी वस्तुएँ ख़रीदने और ऑन लाइन शॉपिंग से बचें
दीवाली में अपने परिवार के साथ मिलकर अपने ही घर में मंदिर का रूप देकर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन करे और भीड़ में मंदिर जाने से बचें। जब आप स्वस्थ और सुरक्षित रहेंगे तभी त्योहारों का आनंद उठा सकेंगे।
लोगों से अपील करें की रोशनी करने के लिए विदेशी चीजों की जगह अगर हमारे देश के गरीब लोगों द्वारा बनाए गए मिट्टी के दिए खरीदें तो उनके घरों में भी दीवाली की रोशनी पहुंचाने में मदद होगी। हो सकता है हमारे कामगारों के हाथों बनाये गये उत्पाद थोड़े मंहगे हों पर आप यदि थोड़ी सी महंगाई बर्दाश्त कर सकेगें तो आपके सहयोग से कई घरों की दीपावली रोशन हो सकेगी।
विदेशी वस्तुएँ तो ख़रीदने से बचें ही, ऑन लाइन शॉपिंग से बचना चाहिए । ज़रूरी हो तो केवल वे वस्तुएँ ही ख़रीदें जो आपके अग़ल बग़ल में न मिलती हों, आपके शहर में न उपलब्ध हों। क्योंकि जब आप कोई वस्तु अपने आजू बाज़ू से ख़रीदते हैं तो उससे आसपास के लोगों की भी मदद होती है।
किसी भी पर्व की ख़ुशी तभी है जब आपके आसपास सब लोग पर्व मना रहे हो , इंज्वाय करने रहे हों। ध्वनि व वायु प्रदूषण का भी ध्यान रखें। मोमबत्ती की जगह दीया, बाकी व तेल का प्रयोग करने से आपकी ख़रीददारी किसी के चेहरे पर ख़ुशी लायेगी। पर कारख़ानों में बनी चीजों की ख़रीदारी से आप किसी के लाभांश को केवल बढ़ाते हैं। तो इस दीपावली पर आइये आसपास के लोगों की भी दिवाली मनाने का संकल्प लें।