Video: कौशांबी में मुस्लिम युवकों की मॉब लिंचिंग, क्या है वायरल वीडियो की हकीकत
Fact Check Video Mob lynching: सोशल मीडिया पर इनदिनों एक मॉब लिंचिंग का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें लोगों की गुस्साई भीड़ एक युवक को लाठी और डंडों से बेरहमी से पीट रही है।
Fact Check Video Mob lynching: बीते कुछ समय से देश में मॉब लिंचिंग (mob lynching) की घटनाएं बढ़ी हैं। ऐसी घटनाओं को अक्सर बच्चा चोरी और प्रतिबंधित पशु का मांस रखने जैसे झूठे आरोप लगाकर अंजाम दिया जाता है। इन घटनाओं में अक्सर हिंदू संगठनों (Hindu organizations) द्वारा एक धर्म विशेष के लोगों को टारगेट करने का आरोप लगता रहा है। जिस वजह से मोदी सरकार (Modi Government) लगातार विपक्ष के निशाने पर रही है। विपक्ष का आरोप है कि ऐसे लोगों को भगवा परिवार के संगठन ही प्रश्रय देते हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) से लेकर पीएम मोदी (PM Narendra Modi) तक को इसकी निंदा करनी पड़ी है।
क्या हो रहा वायरल
सोशल मीडिया (Social Media) पर इनदिनों एक मॉब लिंचिंग का वीडियो वायरल (mob lynching video viral) हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है लोगों की गुस्साई भीड़ एक युवक को लाठी और डंडों से बेरहमी से पीट रही है। वीडियो को लेकर कुछ लोगों द्वारा दावा किया जा रहा है कि ये यूपी के कौशांबी का है। जहां हिंदू संगठन के लोगों द्वारा दो मुस्लिम युवकों की लिंचिंग की जा रही है।
वायरल वीडियो की पड़ताल
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो की जब पड़ताल हमने की तो हकीकत कुछ और निकला। इस दौरान वायरल वीडियो को लेकर यूपी पुलिस (UP Police) का हमें एक ट्वीट भी मिला। यूपी पुलिस ने वायरल वीडियो को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर मॉब लिंचिंग का जो वीडियो वायरल हो रहा है, वो यूपी का नहीं बल्कि एमपी के धार जिले के मनावर थाना का है। वहीं कौशाबी पुलिस (Kaushabi Police) ने भी इस भ्रामक पोस्ट का खंडन किया है।
बच्चा चोर समझकर खेतिहर मजदूरों को बुरी तरह पीटा
यूपी पुलिस द्वारा इसे एमपी का बताए जाने पर जब हमने बीते कुछ समय में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में हुए मॉब लिंचिंग की घटना को खंगाला तो हमें यूपी पुलिस का दावा दुरूस्त निकाला। कई मीडिया रिपोर्टेस में 2 फरवरी 2020 को एमपी के धार जिले के मनावर में हुए इस घटना का जिक्र है। इस घटना में 6 खेतिहर मजदूरों को एक गुस्साई भीड़ ने बच्चा चोर समझकर लाठी–पत्थरों से बुरी तरह पीटा था। उस दौरान इस घटना ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं, और मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार की काफी किरकरी भी हुई थी।
इस प्रकार सोशल मीडिया पर जिस वीडियो को यूपी के कौशांबी का बता कर वायरल किया जा रहा है, वो गलत है। इसके अलावा वीडियो के साथ मुस्लिम युवकों के हिंदू सगठनों द्वारा लिंचिंग करने का दावा भी पूरी तरह असत्य निकला है। वीडियो दो साल पुराना है वो भी मध्य प्रदेश का है और इसका साम्प्रदायिकता से कोई लेना – देना भी नहीं है।
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