Switch Drone: चीन पर मजबूत निगरानी के लिए LAC पर 'स्विच' ड्रोन तैनात करेगी भारतीय सेना
Switch Drone: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी सजगता को और मजबूत करने के लिए भारतीय सेना ने मुंबई के आईडियाफोर्ज कंपनी से अल्ट्रा लाइट ड्रोन 'स्विच' खरीदने का फैसला किया है।
SWITCH DRONE: भारत ने बीते कुछ सालों में अपने सैन्य ताकतों को बढ़ाने के लिए आधुनिकरण के तरफ विशेष ध्यान दिया है। बीते कुछ सालों में भारतीय सेना के पास कई तरह के ऑटोमेटेड मिसाइलें, टैंक, ड्रोन समेत कई अन्य सुरक्षा उपकरण अपने सैन्य उपकरणों की सूची में शामिल किया है। अभी हाल ही में भारतीय सेना ने एलएसी पर चीन के हरकतों पर नजर रखने के लिए अल्ट्रा लाइट ड्रोन 'स्विच' के उपयोग करने का फैसला किया है।
अल्ट्रा लाइट ड्रोन 'स्विच' (SWITCH Drone) को भारतीय सेना (Indian Army) ने मुंबई के आइडियाफोर्ज (ideaforge) कंपनी से इस ड्रोन के एल्टीट्यूड वैरिएंट को खरीदने का समझौता किया है। बता दें केंद्र सरकार ने पिछले साल भी इस कंपनी को स्विच ड्रोन के लिए आर्डर दिया था उस समय कंपनी ने बड़े ही कम वक्त में भारतीय सेना को डिलीवर कर दिया था। अब एक साल बाद भारत सरकार ने मुंबई के ड्रोन बनाने वाले उसी कंपनी को स्विच ड्रोन का आर्डर दिया है।
क्या है ड्रोन की खासियत?
पिछले साल के समझौते की ओर गौर करें तो उस वक्त ड्रोन के समझौतों की कीमत लगभग दो करोड़ डालर के आसपास थी। लेकिन सरकार ने यह साफ नहीं किया था कि इस कीमत में कितनी संख्या में ड्रोन खरीदी जाएगी। अब एक साल बाद सरकार ने जो आर्डर दिया है इसकी कीमत क्या है इस बात की भी फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। कंपनी के मुताबिक यह आर्डर भी पिछले आर्डर की तरह ही है। इस आर्डर में फिक्स्ड विंग ड्रोन (fixed wing drone) होगा जो वर्टिकल तरीके से लैंडिंग और टेक ऑफ दोनों में सक्षम रहेगा। यह स्विच ड्रोन बेहद ऊंचाई वाले मुश्किल हालातों में भी दिन और रात बेहतर तरीके से निगरानी कर सकेगा। साथ ही इस ड्रोन को 4000 मीटर की ऊंचाई से भी बड़े आसानी से लांच किया जा सकता है।
गौरतलब है कि स्विच ड्रोन बहुत ही खराब से खराब मौसम में बेहतर तरीके से काम करने के लिए सक्षम होता है। चीन सीमा पर इस ड्रोन की तैनाती भारतीय सेना के लिए बहुत ज्यादा लाभप्रद साबित होगी। इस ड्रोन का वजन करीब 6 किलो का होता है। साथ ही यह ड्रोन कम घनत्व वाले क्षेत्रों में तथा तेज हवाओं वाले, उच्च ऊंचाई जैसे हालातों में भी करीबन 2 घंटे तक उड़ सकता है। यह अपने तैनाती वाले जगह से 15 किलोमीटर के दायरे में निगरानी कर सकता है। इसके अलावा इसका सबसे अहम और खास बात यह है कि यह हेलीकॉप्टर के ही तरह वर्टिकल तरीके से टेक ऑफ और लैंड कर सकता है।