Corona Vaccine: देश में एक औऱ स्वदेशी कोरोना वैक्सीन को मिली एंट्री, DGCI ने Corbevax को दी अंतिम मंजूरी

भारत को कोरोना वायरस के खिलाफ देश में 10वीं वैक्सीन Corbevax को DCGI से मंजूरी मिल गयी है। Corbevax 12 से 18 साल के बच्चों को टीका देने में प्रयोग किया जाएगा।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Written By :  Krishna
Update: 2022-02-21 16:34 GMT

कोरोना वैक्सीन कॉर्बेवैक्स (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

नई दिल्ली। कोरोना के मोर्चे पर सोमवार को एक औऱ राहत पहुंचाने वाली खबर सामने आई है। कोरोना संक्रमण (corona infection) के खिलाफ जारी युद्ध के विरूध्द अब एक औऱ हथियार आ गया है। भारतीय औषधिय महानियंत्रक (DGCI) ने एक और कोरोना वैक्सीन की आपातकालीन उपयोग की इजाजत दे दी है।

12 से 18 साल के बच्चों को दिया जाएगा टीका

बॉयोलिजकल ई लिमिटेड (Biological E Limited) की कोरोना वैक्सीन Corbevax 12 से 18 साल के बच्चों को टीका देने में प्रयोग किया जाएगा। इस टीके की दोनों खुराकें 28 दिनों के भीतर लेनी होगा। इस टीके को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर स्टोर करके रखा सकता है।

हैदराबाद की फार्मास्युटिकल कंपनी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि उसकी कोरोन वैक्सीन Corbevax को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी गई है। ये देश की तीसरी घरेलू वैक्सीन है। इससे पहले अभी तक देश में अधिकतर कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) के रूप में कोवैक्सीन (covaccine), कोविशील्ड (covishield) औऱ रूसी टीका स्पूतनिक वी (Sputnik V) को प्रयोग किया जाता रहा है।

देश में टीकाकरण की निगरानी के लिए बनी राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समिति के चीफ डॉ एनके अरोड़ा ने कहा था कि Corbevax पूरी तरह से सुरक्षित है। ये वैक्सीन दूसरे वेक्टर टीकों के मुकाबले अच्छी एंटीबॉडी बनाता है। इस तरह भारत ने दुनिया में एकबार फिर अपने मेडिकल साइंस का लोहा मनवाया है। भारत को वैसे भी दुनिया में सबसे सस्ते और अच्छे टीके बनाने के लिए जाना जाता है। एकबार फिर भारतीय फार्मा कंपनियों ने इसबात पर मुहर लगाई है।

अभी नहीं खत्म हुई है महामारी, रहें सावधान : WHO

वहीं बात करें कोविड के खतरे की तो भले इन दिनों कोरोना के नए मामलों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की जा रही हो औऱ स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा तीसरा लहर गुजर जाने की बात कही जा रही हो, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा कि महामारी अभी भी खत्म नहीं हुई है। इसलिए थोड़ी सी भी लापरवाही परेशानी में डाल सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े के अनुसार हर हफ्ते अभी भी दुनियाभर में 70 हजार लोग कोरोना के कारण जान गंवा रहे हैं। 

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