बेहद मानसिक दबाव में खिलाड़ी, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने शुरू की हेल्पलाइन

Olympics: खिलाड़ियों के लिए शारीरिक फिटनेस के साथ साथ मानसिक फिटनेस बहुत मायने रखती है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shweta
Update:2021-08-02 20:01 IST

कॉन्सेप्ट फोटो ( फोटो सौजन्य से सोशल मीडिया)

Olympics: खिलाड़ियों के लिए शारीरिक फिटनेस के साथ साथ मानसिक फिटनेस बहुत मायने रखती है। सभी खेलों में इतनी कड़ी प्रतिस्पर्धा रहती है कि हर खिलाड़ी बहुत ज्यादा दबाव में रहता है। दबाव रहता है अपना बेस्ट परफॉरमेंस देने का, हर हाल में जीतने का। और इन्हीं दबावों के चलते मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है।

यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) टोक्यो ओलिंपिक के दौरान मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे खिलाड़ियों के लिये 70 भाषाओं में हेल्पलाइन चला रही है। आईओसी के प्रवक्ता मार्क एडम्स ने यह घोषणा ऐसे समय में की जबकि अमेरिका की दिग्गज जिम्नास्ट सिमोन बाइल्स ने अच्छा प्रदर्शन करने की मनोवैज्ञानिक दबाव से जुड़ी परेशानियों के कारण प्रतियोगिता से हटने का फैसला किया। प्रवक्ता ने कहा कि इसे मानसिक तौर पर फिट रखने के लिये हेल्पलाइन नाम दिया गया है और यह चौबीसों घंटे काम करती है। यह हेल्पलाइन ओलंपिक खेल समाप्त होने के बाद भी तीन महीने तक अपनी सेवाएं देती रहेगी।

टोक्यो में भारतीय हॉकी टीम के डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह का मानना है कि वर्तमान परिस्थितियों से निपटने के लिए मानसिक फिटनेस उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि शारीरिक फिटनेस। उन्होंने यह भी कहा कि खिलाड़ी टीम के चारों ओर सकारात्मक माहौल बनाने के लिए एक-दूसरे की मदद करते रहे हैं ताकि हर कोई खुश रहे। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वर्तमान परिस्थितियों से निपटने के लिए मानसिक फिटनेस उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि शारीरिक फिटनेस। एक खिलाड़ी को मानसिक रूप से मजबूत होने की जरूरत है, और उसके लिए, हम एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं।

बेन स्टोक्स ने लिया ब्रेक

मानसिक दबाव ही वजह है कि इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने खुद को भारत के खिलाफ क्रिकेट सीरीज से हटा लिया है। बाएं हाथ की अंगुली में लगी चोट के अलावा स्टोक्स अपने मानसिक स्वास्थ्य के कारण क्रिकेट से अनिश्चित समय तक दूर रहने वाले हैं। इंग्लैंड के क्रिकेट बोर्ड ने बताया है कि अपने मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्टोक्स ने भारत के खिलाफ हो रही टेस्ट सीरीज से खुद को हटा लिया है। इसके अलावा स्टोक्स अपनी अंगुली को भी आराम देना चाहते हैं जिसका घाव अब तक भरा नहीं है। इंग्लैंड के मैनेजिंग डॉयरेक्टर एश्ले जाइल्स ने कहा है कि स्टोक्स को रिकवर होने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा।

जाइल्स के मुताबिक स्टोक्स ने अपनी परिस्थिति के बारे में खुलकर बात करके काफी साहस का काम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड का फोकस हमेशा से उनकी क्रिकेट में शामिल लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखने का रहा है और आगे भी यही रहेगा। कोरोना शुरु होने से पहले ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने भी क्रिकेट से अनिश्चित समय के लिए ब्रेक लिया था। हालांकि, मैक्सवेल एक महीने के अंदर ही वापस आ गए थे। इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका के क्विंटन डिकॉक ने भी ब्रेक लिया था, लेकिन वह भी अप्रैल में वापस आ गए थे। ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर डेनिएल सैम्स मई से ही ब्रेक पर हैं और उन्होंने अब तक वापसी नहीं की है।

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