सियासी घमासान के बीच शाह से मिले गवर्नर, टीएमसी का राष्ट्रपति शासन की साजिश का आरोप

दिल्ली दौरे पर पहुंचे राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की।

Newstrack :  Network
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-06-18 10:58 IST

अमित शाह से मिले जगदीप धनखड़ (फोटो- @jdhankhar1 ट्विटर)

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में हाल में हुए विधानसभा चुनावों के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच जबर्दस्त खींचतान का दौर चल रहा है। चुनावी नतीजों की घोषणा के बाद पश्चिम बंगाल (West Bengal) के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा की घटनाओं ने गवर्नर और टीएमसी के बीच रिश्तों को और तनावपूर्ण बना दिया है।

इस बीच दिल्ली दौरे पर पहुंचे राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Governor Jagdeep Dhankhar ka Delhi Daura) ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से उनके आवास पर मुलाकात की। गृह मंत्री से गवर्नर की इस मुलाकात के बाद टीएमसी ने बड़ा आरोप लगाया है। टीएमसी नेता कुणाल घोष (Kunal Ghosh) ने कहा कि राज्यपाल भाजपा (BJP) की ओर से रची गई साजिश का हिस्सा बन गए हैं और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रची जा रही है।

चुनावी नतीजों के बाद और तल्ख हुए रिश्ते

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के पिछले कार्यकाल के दौरान भी राज्यपाल और सरकार का रिश्ता काफी तल्ख था। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद दोनों के रिश्ते और तनावपूर्ण हो गए हैं। टीएमसी की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए राज्यपाल ने चुनाव के बाद हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा किया था।

वे चुनाव के बाद पलायन करने वाले लोगों से मिलने असम भी गए थे। हालांकि ममता सरकार की ओर से राज्यपाल की इन दौरों पर गहरी आपत्ति जताई गई थी मगर राज्यपाल ने दौरान न करने के ममता सरकार के अनुरोध को ठुकरा दिया था।

शाह से गवर्नर की महत्वपूर्ण मुलाकात

अब राज्यपाल कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और उन्होंने इस दौरान राजधानी में कई प्रमुख लोगों से मुलाकात की है। राज्यपाल की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) से मुलाकात को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि राज्यपाल और शाह के बीच हुई बातचीत का ब्योरा अभी सामने नहीं आ सका है।

शाह से मुलाकात से पहले राज्यपाल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात की थी। दोनों की यह मुलाकात करीब दो घंटे तक चली। हालांकि इस मुलाकात के दौरान क्या बातचीत हुई, अभी इसकी जानकारी सामने नहीं आ सकी है। राज्यपाल का राजधानी में कई अन्य प्रमुख नेताओं से भी मिलने का कार्यक्रम है।

टीएमसी ने राज्यपाल को घेरा

राज्यपाल के दिल्ली दौरे को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने बड़ा हमला बोला है। पार्टी ने आरोप लगाया कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की कोशिश की जा रही है। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि भाजपा गवर्नर के साथ मिलकर यह साजिश रचने में जुटी हुई है।

घोष ने कहा कि राज्यपाल भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में काम कर रहे हैं और उनका एकमात्र मकसद सरकार को परेशान करना है। वे भाजपा की ओर से रची गई साजिश का हिस्सा बन गए हैं और किसी भी सूरत में जनमत के फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। वे राज्य में ऐसे हालात बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं जहां पिछले दरवाजे से आर्टिकल 355 या 356 (Article 355 or 356) के जरिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सके।

कुणाल घोष (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

विजयवर्गीय की राष्ट्रपति शासन की मांग

हाल में भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया था कि बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है और इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। उनका कहना था कि डेढ़ महीने पहले ही तृणमूल कांग्रेस को चुनाव में बहुमत हासिल हुआ है मगर राज्य के हालात ऐसे बन चुके हैं कि यहां राष्ट्रपति शासन लागू करना जरूरी लग रहा है।

हिंसा की घटनाओं पर केंद्र को सौंपी रिपोर्ट

सूत्रों का कहना है कि पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाओं को लेकर राज्यपाल राज्य सरकार के रवैये से काफी नाराज हैं। वे पहले भी राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर नाराजगी जता चुके हैं। जानकारों के मुताबिक राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर केंद्र को रिपोर्ट भी सौंपी है।

यही कारण है कि टीएमसी की ओर से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की आशंका जताई जा रही है। राज्यपाल के दिल्ली दौरे के बाद कोलकाता लौटने पर सियासी घमासान और तेज होने की आशंका है। तृणमूल कांग्रेस ने पिछले दिनों राज्यपाल पर राजभवन में अपने रिश्तेदारों की नियुक्ति का बड़ा आरोप लगाया था।

ममता बनर्जी ने लिखा पीएम को पत्र

दूसरी ओर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल की दिल्ली यात्रा पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि एक बच्चे को मनाकर चुप कराया जा सकता है मगर एक वृद्ध व्यक्ति को नहीं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ को वापस बुलाने की मांग को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन बार पत्र लिखा है।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्यपाल भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। मेरी सरकार के लिए उनके साथ काम करना काफी मुश्किल हो गया है। ऐसे में केंद्र सरकार को उन्हें तुरंत वापस बुला लेना चाहिए।

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