Delhi Violence: जहांगीरपुरी हिंसा मामले में पाकिस्तान भी कूदा, मुस्लिमों को निशाना बनाने का लगाया आरोप
Jahangirpuri violence case: पाकिस्तान की नई हुकूमत ने जहांगीरपुरी हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए इसे मुसलमानों के खिलाफ लक्षित हमला बताया है।
Jahangirpuri Violence Case: हनुमान जयंती पर जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई करने में जुटी हुई है। इस मामले में अभी तक कई लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है और बिना इजाजत शोभायात्रा निकालने वाले आयोजकों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है। इस बीच इस मामले में पाकिस्तान भी कूद पड़ा है।
पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद शहबाज शरीफ ने नए प्रधानमंत्री के रूप में काम संभाला है और पाकिस्तान की नई हुकूमत ने जहांगीरपुरी हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए इसे मुसलमानों के खिलाफ लक्षित हमला बताया है। पाकिस्तान के इस बयान पर अभी तक भारत की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है।
मस्जिद पर झंडा फहराने की कोशिश
जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा की घटना के बाद इस्लामाबाद की ओर से इस बाबत बयान जारी किया गया है। पाकिस्तान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मस्जिद पर चढ़कर झंडा फहराने की घृणित कोशिश की गई।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामाबाद के बयान में कहा गया है कि इस हिंसा के जरिए देश के अल्पसंख्यक मुस्लिमों को निशाना बनाने की कोशिश की गई है। पाकिस्तान की ओर से संयुक्त राष्ट्र, मानवाधिकार संगठन और अन्य संगठनों से भारत को अल्पसंख्यकों और विशेष तौर पर मुसलमानों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का दोषी बताने का अनुरोध किया गया है।
पाकिस्तान की इस प्रतिक्रिया से साफ हो गया है कि देश में सत्ता बदलने के बावजूद पाकिस्तानी हुकूमत के रवैए में कोई बदलाव आता नहीं दिख रहा है। पाकिस्तान की नई सरकार भी पुराने ढर्रे पर ही चल रही है और ऐसे में दोनों देशों के रिश्ते आने वाले दिनों में भी सहज होने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही।
अपने यहां अल्पसंख्यकों का हाल नहीं देखता
पाकिस्तान के इस बयान पर अभी विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है। वैसे सरकारी सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान को दूसरे देशों के मामले में प्रतिक्रिया जताने से पहले जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों को सताए जाने के अपने रिकॉर्ड के बारे में सोचना चाहिए। पाकिस्तान की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में सामने आई है जब जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बीच मुलाकात की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
जुलाई में ताशकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन प्रस्तावित है और कहा जा रहा है कि इस शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और शाहबाज के बीच मुलाकात हो सकती है। हालांकि अभी तक इस मुलाकात को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। केंद्र सरकार के सूत्रों का कहना है कि अभी इस बाबत कोई भी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।
पाकिस्तान के रुख में बदलाव नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहबाज की ताजपोशी के बाद उन्हें बधाई संदेश भेजा था। मोदी की बधाई का जवाब देते हुए शहबाज ने धन्यवाद तो जरूर कहा मगर कश्मीर समस्या के समाधान की बात जोड़कर यह भी साफ कर दिया कि पाकिस्तान कश्मीर राग अलापना नहीं छोड़ेगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच दिसंबर 2015 के बाद कोई द्विपक्षीय गतिविधियां नहीं हुई हैं।
उस समय दोनों देशों के बीच बातचीत की प्रक्रिया शुरू हुई थी मगर पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले के बाद सबकुछ खत्म हो गया था। पाकिस्तान की ओर से लगातार कश्मीर राग अलापने और घाटी में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने से साफ है कि आने वाले दिनों में भी दोनों देशों के रिश्ते सहज नहीं हो पाएंगे।