Kerala Nun Rape Case: कोट्टायम की कोर्ट का बड़ा फैसला, आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल को किया बरी

Kerala Nun Rape Case: ये मामला 2018 का है जब केरल की कोट्टायम (Kottayam) पुलिस ने नन के दुष्कर्म मामले में बिशप पर मुकदमा दर्ज किया।

Newstrack :  Network
Published By :  Monika
Update:2022-01-14 14:03 IST

बिशप फ्रैंको मुलक्कल (photo : social media)  

Kerala Nun Rape Case: केरल नन रेप मामले में केरल (Kerala) की एक अदालत ने शुक्रवार 14 जनवरी को एक बड़ा फैसला सुनाया। इस मामले में आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल (Bishop Franco Mulakkal) को बरी कर दिया गया। कैथोलिक बिशप को 44 साल की नन से बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

अदालत ने 100 दिनों से अधिक समय तक इस मुकदमे के चलने के बाद बिशप फ्रैंको मुलक्कल को सभी आरोपों से बरी कर दिया। उनके खिलाफ कोई सबूत ना मिला था। ये मामला 2018 का है जब केरल की कोट्टायम (Kottayam) पुलिस ने नन के दुष्कर्म मामले में बिशप पर मुकदमा दर्ज किया। नन ने पुलिस से शिकायत की थी कि बिशप ने 2014 और 2016 के बीच उससे कई बार दुष्कर्म किया था। जिसके बाद आरोपी को सितम्बर 2018 में गिरफ्तार किया था।

इस मामले पर नवंबर 2019 में सुनवाई शुरू हुई। जो 10 जनवरी तक चली थी। जिसके बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत द्वितीय ने बिशप को 14 जनवरी 2022 को बरी कर दिया। इस मामले में 83 गवाहों में बनयान लिए गए थे। अदालत के फैसले के बाद बिशप फ्रैंको मुलक्कल के वकील ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पीड़िता झूठ बोल रही थी। उसके द्वारा लगाए गए आरोपों ने कोई सच्चाई नहीं थी।

57 साल के बिशप फ्रैंको मुलक्कल

57 साल के बिशप फ्रैंको मुलक्कल का जन्म 25 मार्च 1964 को मट्टम, त्रिशूर, केरल में हुआ था। उन्हें 21 अप्रैल 1990 को सेंट थॉमस फोरेन सीरो-मालाबार कैथोलिक चर्च, मट्टम, त्रिशूर, केरल में पुजारी के लिए नियुक्त किया गया था। 17 जनवरी 2009 को लैटिन संस्कार कैथोलिक आर्चडीओसीज़ ऑफ़ दिल्ली का सहायक बिशप और चुल्लू का बिशप नियुक्त किया गया। 21 फरवरी 2009 को एक बिशप को पवित्र किया गया था। 13 जून 2013 को पोप फ्रांसिस द्वारा उन्हें जालंधर के लैटिन संस्कार कैथोलिक सूबा का बिशप नियुक्त किया गया था।

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