Ladakh Border पर सेना हुई अलर्ट, चीन ने फिर ताने तंबू, बंकर बनाने के पीछे चीनी सैनिकों की साजिश
Ladakh Border : ताजा जानकारी मिली है कि पूर्वी लद्दाख बॉर्डर पर चीन ने नए तंबू तानना शुरू कर दिया है। सीमा से कुछ दूरी पर चीन ने आठ जगहों पर टैंट लगाए हैं।
Ladakh Border : धोखेबाज चीन अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है। ऐसे में एक बार फिर से ताजा जानकारी मिली है कि पूर्वी लद्दाख बॉर्डर पर चीन ने नए तंबू तानना शुरू कर दिया है। सीमा से कुछ दूरी पर चीन ने आठ जगहों पर टैंट लगाए हैं, जबकि बंकर बनाने का काम भी लगातार जारी है। अपनी बात से मुकरना चीन के लिए कोई नई बात नहीं है। भारत के साथ आपसी वार्ता में चीन ने सीमा पर इन सब गतिविधियों पर रोक लगाने की बात स्वीकार की थी। जिसके चलते उस दौरान सीमा पर कुछ दूरी तक चीनी सैनिकों (Chinese soldiers) की मुस्तैदी भी कम हुई थी।
सूत्रों से सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने उत्तर यानी नॉर्थ में काराकोरम दर्रे के नजदीक वहाब, जिल्गा, पीयु, हॉट स्प्रिंग्स, चांग ला, ताशिगांग, मांजा और चुरुप तक अपनी सैनिकों के लिए तंबू ताने हैं।
चीन ने रची नई साजिश
ऐसे में अब चीनी सेना के लिए नए कैंप इन कैंपों के अलावा बनाए गए हैं। जिससे चीनियों की मंशा साफ नजर आ रही है कि वह सीमा के पास का ये इलाका छोड़ना नहीं चाहता है। लेकिन इससे पहले सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता के कई बार हो चुकी है। जिसमें आपसी मंजूरी के चलते कई जगहों से दोनों देशों ने अपनी सेनाएं वापस बुलाई हैं। पर अब चीन की इस हरकत से सीमा पर माहौल में तनातनी एक बार फिर से आ गई है।
आपको बता दें, बीते साल दोनों देशों के बीच हुए आपसी संघर्ष के बाद से चीन ने सीमा पर अपने सैनिकों की तैनाती को पहले से दो गुना ज्यादा बढ़ा दिया था। साथ ही अत्याधुनिक हथियार और मिसाइलें भी सीमा पर तैनात कर दी थी।
अब चीन की हाल की गतिविधियों को देखते हुए भारत भी पूरी तरह से चौकन्ना हो गया है। भी पूरी चौकसी बरत रहा है। वहीं बीते दिनों चीन ने नई हवाई पट्टी व हेलीपैड बनाए हैं। साथ ही चीन ने होतन, कशगार, गरगुनसा, ल्हासा-गोंग्गर और शिगात्से एयरबेस को मजबूती देते हुए आधुनिक संसाधनों से लैस किया हैं।
ये भी जानकारी मिली है कि पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना ने चीन ने ड्रोन को उड़ते भी देख है। फिलहाल अब चीन पर पैनी नजर बनाए हुए भारतीय सेना के जवान सीमा पर तैनात हैं। जिससे चीनी सैनिकों को एक भी साजिश चलने का मौका नहीं मिल पाए।