PM मोदी का बड़ा एलान: राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का बदला नाम, अब होगा हॉकी के जादूगर के नाम पर

मोदी सरकार ने खेल के क्षेत्र में दिए जाने वाले सबसे उत्कृष्ट सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल दिया है।

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Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-08-06 07:57 GMT

 राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर

नई दिल्ली: देश की मोदी सरकार ने खेल के क्षेत्र में बड़ा ऐलान किया है। मोदी सरकार ने खेल के क्षेत्र में दिए जाने वाले सबसे उत्कृष्ट सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल दिया है। अब से इस पुरस्कार का नाम हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया गया है। पीएम मोदी ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी।

पीएम मोदी ने इस बारे में ट्वीट करते हुए कहा कि लोगों की भावनाओं को देखते हुए इस अवार्ड का नाम अब मेजर ध्यानचंद के नाम पर किया जा रहा है।

देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, 'देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है।'

इसके साथ ही एक दूसरे ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, ''ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रयासों से हम सभी अभिभूत हैं। विशेषकर हॉकी में हमारे बेटे-बेटियों ने जो इच्छाशक्ति दिखाई है। जीत के प्रति जो ललक दिखाई है, वो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।''

बता दें, हॉकी के 'जादूगर' के नाम से मशहूर मेजर ध्यानचंद का हॉकी में अविश्वसनीय अतुलनीय योगदान रहा है। जिसकी आज भी युवा पीढ़ी देश का हर नागरिक सराहना करता है। मेजर ध्यानचंद ने अपने आखिरी ओलंपिक (बर्लिन 1936) में कुल 13 गोल दागे थे। इस तरह एम्स्टर्डम, लॉस एंजेलिस और बर्लिन ओलंपिक को मिलाकर ध्यानचंद ने कुल 39 गोल किए, जो उनकी कायाकल्प छवि को वर्णित करती है।

मेजर ध्यानचंद का 29 अगस्त जन्मदिवस होता है, और इसी दिन भारत के राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस खास दिन पर हर साल खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न के साथ ही अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार दिए जाते हैं।

सर्वोच्च खेल रत्न सम्मान का इतिहास

सर्वोच्च खेल रत्न सम्मान अवार्ड को सन् 1991-92 में शुरू किया गया था। उस समय इसका नाम देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था। खेल के क्षेत्र में इस अवार्ड की स्थापना का मुख्य उद्देश्य खेल के क्षेत्र में सराहना और जागरूकता प्रसार करना है। इसके साथ ही खिलाड़ियों को सम्मानित कर उनकी प्रतिष्ठा बढ़ाना है। जिन्होंने पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन कर ये गौरव प्राप्त किया है। 

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