New Army Chief : आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे का भारत चीन सीमा पर बड़ा बयान
Army Chief : भारतीय सेना के 29वें प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद जनरल मनोज पांडे (General Manoj Pande) ने भारत-चीन सीमा (India-China border) मुद्दे पर अहम बात कहा है।
New Army Chief : जनरल एमएम नरवणे (General MM Narwane) शनिवार को भारतीय सेना (Indian Army) के सेना प्रमुख पद से रिटायर हो गए। जिसके बाद आज रविवार को एमएम नरवणे के बाद भारतीय सेना की कमान जनरल मनोज पांडे (General Manoj Pande) को सौंपी गई है। 12 लाख सैनिकों वाली विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सेना की कमान संभालने के बाद जनरल मनोज पांडे ने कहा हमारी सेना हर मोर्चे पर पूरी तरह से तैयार है। इस दौरान आर्मी चीफ ने भारत चीन सीमा के बारे में भी अहम बात कहा।
भारत-चीन सीमा मुद्दे पर बोले आर्मी चीफ
भारतीय सेना का कमान संभालने के बाद सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने भारत चीन सीमा मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि 'भारत और चीन के बीच बातचीत की प्रक्रिया जारी है। हमें विश्वास है कि यही बातचीत आगे का रास्ता है। हम एक दूसरे से बातचीत की प्रक्रिया जारी रखकर ही चल रहे मुद्दों का समाधान पाएंगे।'
बता दें लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को भारत चीन सीमा पर काम करने का अच्छा अनुभव रहा है। जनरल मनोज पांडे लद्दाख के माउंटेन डिवीजन में ब्रिगेडियर रह चुके हैं। साथ ही व ईस्टर्न कमांड में कमांडर के तौर पर भी कार्यभार संभाल चुके हैं। उन्हें उत्तर पूर्व के हिस्सों में कई ऑपरेशन का भी अनुभव है। मनोज पांडे अंडमान निकोबार दीप समूह क्षेत्र में भी कमांडर रह चुके हैं, उन्हें सेना के कई विशिष्ट सेवा में दलों से सम्मानित किया जा चुका है।
जनरल मनोज पांडे का जीवन
भारतीय सेना के नए आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले हैं। अपनी विद्यालय शिक्षा खत्म करने के बाद मनोज पांडे ने 1982 में एनडीए को ज्वाइन किया। एनडीए में ट्रेनिंग खत्म हो जाने के बाद मनोज पांडे पहली बार ऑफिसर के तौर पर इंडियन मिलिट्री एकेडमी में कमीशन लिया। मिलिट्री एकेडमी के बाद 1982 में उन्होंने भारतीय सेना की इंजीनियरिंग कोर्स में कार्यभार संभाला। बाद में उन्हें लद्दाख के माउंटेन डिवीजन में ब्रिगेडियर के तौर पर कार्यभार संभालने का मौका मिला। 1987 में मनोज पांडे की शादी हुई। उन्होंने डेंटल कॉलेज की गोल्ड मेडलिस्ट अर्चना सल्पेकर से 3 मई 1987 को शादी किया। इसके बाद उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन पराक्रम चलाया। इस ऑपरेशन में उन्होंने पाकिस्तानी आतंकवादियों के कई बड़े योजनाओं का खुलासा कर उन्हें ध्वस्त किया।