Parliament Session: मानसून सत्र के बीच सदन में भारी हंगामा, महिला सदस्यों का किया गया अपमान

Parliament Session: सदन में विरोध प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद कुछ महिला सुरक्षाकर्मियों ने विपक्ष की महिला सदस्यों के साथ धक्कामुक्की की और उनका अपमान किया।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-08-12 09:42 IST

सदन में भारी हंगामा (फोटो- सोशल मीडिया)

Parliament Session: बीते दिन राज्यसभा में पेगासस जासूसी मामले में हंगामा मच गया। इसके साथ ही अन्य कोई मुद्दों पर भी बहस नें हंगामे का रूप ले लिया। जिससे सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई थी। लेकिन आखिरी में सदन की कार्यवाही को फिर अनिश्चितकाल के लिए ही स्थगित कर दिया गया। इससे ठीक पहले सदन में राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग की लिस्ट बनाने के अधिकार देने के बारे में एक अहम विधेयक लगभग 5-6 घंटे की चर्चा के बाद पारित किया गया।

सदन में जब साधारण बीमा कारोबार राष्ट्रीयकरण संशोधन विधेयक पर चर्चा शुरू हुई, तब एकदम से भयंकर हंगामा मच गया। इस विधेयक को लेकर कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने प्रवर समिति में भेजने की मांग पर हंगामा मचाना शुरू कर दिया। लेकिन सरकार ने हंगामे के बीच इस बिल को भी पास करवा दिया।

महिला सदस्यों का अपमान 

ऐसे में सरकार की तरफ से ये दावा किया गया कि विपक्षी सांसदों ने सदन में उपस्थित मार्शलों और कर्मचारियों के साथ मारपीट की। तभी विपक्षी सांसदों ने सरकार पर विपक्षी सांसदों के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाया।

इस बीच राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने महिलाओं के बारे में कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद कुछ महिला सुरक्षाकर्मियों ने विपक्ष की महिला सदस्यों के साथ धक्कामुक्की की और उनका अपमान किया। विपक्ष के सदस्य जब विरोध प्रदर्शन के लिए आसन के निकट जाते हैं तो पुरुष और महिला सुरक्षाकर्मी का एक घेरा बना दिया जाता है।

आगे उन्होंने कहा, ''हमारी महिला सदस्य आ रही हैं, घेरा बना लिया जा रहा है। धक्कामुक्की की जा रही है। महिला सदस्यों का अपमान हो रहा है। महिला सांसद सुरक्षित नहीं हैं। यह संसद और लोकतंत्र का अपमान है।''

इस पर एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि आज (राज्यसभा में) महिला सांसदों पर जिस तरह से हमले हुए हैं, ऐसा अपने 55 साल के संसदीय करियर में कभी नहीं देखा। 40 से अधिक पुरुषों और महिलाओं को बाहर से सदन में लाया गया। यह दर्दनाक है। यह लोकतंत्र पर हमला है।


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