Bijli Nijikaran Virodh Latest News: विद्युत वितरण में सुधार के लिए मंत्री समूह का स्वागत, तत्काल निरस्त हो निजीकरण प्रक्रिया

Privatization Oppose: बिजली के निजीकरण के निर्णय के विरोध में 31 जनवरी को देश भर में बिजली कर्मी विरोध प्रदर्शन करेंगे। आज उप्र के सभी जनपदों और परियोजनाओं पर बिजली कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया और मोमबत्ती जुलूस निकाला।;

Newstrack :  Network
Update:2025-01-30 20:33 IST

Nationwide protest on January 31 against privatization ( Pic- Social- Media)

Bijli Nijikaran Virodh Latest News: ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने भारत सरकार द्वारा विद्युत वितरण के सुधार हेत केन्द्रीय राज्य मंत्री श्रीपद यशो नायक की अध्यक्षता में मंत्री समूह गठित किए जाने का स्वागत करते हुए कहा है कि सुधार हेतु मंत्री समूह गठित करने के बाद उप्र में बिजली के निजीकरण की चल रही प्रक्रिया तत्काल निरस्त की जाय।

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने कहा कि सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार विद्युत वितरण निगमों की वर्तमान और भविष्य की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने हेतु विस्तृत अध्यन करने और सुझावों के लिए भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री की अध्यक्षता में मंत्री समूह बनाया है। सात सदस्यीय मंत्री समूह में महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री सम्मिलित है। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा जी को इस मंत्री समूह का संयोजक बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि मंत्री समूह ने देश के विद्युत वितरण की वित्तीय स्थिति को सुधारकर विद्युत वितरण क्षेत्र को कैसे और बेहतर, स्थिर और टिकाऊ बनाया जाए इस पर आज महाकुंभ की पवित्र नगरी से ऑनलाइन मीटिंग के जरिए विचार किया। उन्होंने कहा कि राज्य विद्युत वितरण निगमों की वित्तीय व्यवहार्यता, ऋणों और घाटों की चिंता दूर करने के लिए सुझाव देने के लिए मंत्री समूह का गठन किया गया है।


शैलेंद्र दुबे ने बताया कि उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने महाकुंभ में किए गए प्रशंसनीय कार्य की तकनीक को मंत्री समूह के साथ साझा किया और उत्तर प्रदेश के विद्युत क्षेत्र में हो रहे उत्कृष्ट सुधार और आरडीएसएस योजना में उप्र द्वारा देश में श्रेष्ठतम कार्य को मंत्री समूह के सामने रखा। उन्होंने कहा कि आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन उप्र के ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा जी का धन्यवाद करता है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों द्वारा महाकुंभ में किए गए प्रशंसनीय कार्य और आरडीएसएस योजना के अंतर्गत देश में किए गए श्रेष्ठतम कार्य को केंद्रीय मंत्री समूह के सामने रखा।

शैलेंद्र दुबे ने कहा कि जब देश की विद्युत वितरण व्यवस्था के सुधार और वित्तीय घाटों को दूर करने के लिए भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने एक मंत्री समूह का गठन कर दिया है और यह मंत्री समूह इस मामले पर विस्तृत अध्ययन करके अपनी रिपोर्ट देगा तब यह जरूरी हो गया है कि उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की चल रही प्रक्रिया को तत्काल निरस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि मंत्री समूह में छह प्रांतों के ऊर्जा मंत्री शामिल है जिसमें उत्तर प्रदेश भी एक प्रांत है। ऐसे में मंत्री समूह की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के विद्युत वितरण निगमों की वित्तीय स्थिति को सुधारने का सुझाव भी आएगा। अतः इस आलोक में निजीकरण की चल रही प्रक्रिया तत्काल निरस्त की जाय। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री समूह को अपनी रिपोर्ट देने के पहले सभी छह प्रांतों के विद्युत अभियंता और कर्मचारी संगठनों से प्रस्ताव मांगने चाहिए और उनसे विस्तृत वार्ता करनी चाहिए।

Privatization Oppose: उप्र, चण्डीगढ़ और राजस्थान में आज उप्र के सभी जनपदों और परियोजनाओं पर बिजली कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया और मोमबत्ती जुलूस निकाला।नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के निर्णय के अनुसार उप्र, चंडीगढ़ और राजस्थान में बिजली के निजीकरण की चल रही प्रक्रिया के विरोध में देश के सभी जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि मुनाफे में चल रहे चंडीगढ़ के विद्युत विभाग को गोयनका ग्रुप की एमिनेंट इलेक्ट्रिक कम्पनी को 01 फरवरी को सौंपने की तैयारी चल रही है जिससे पूरे देश के बिजली कर्मचारियों में भारी गुस्सा व्याप्त है। ध्यान रहे कि उप्र के पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को घाटे के नाम पर बेचने की प्रक्रिया चल रही है। दूसरी ओर मुनाफे में चल रहे चंडीगढ़ के बिजली विभाग की 22 हजार करोड़ रुपए की परिसंपत्तियों को मात्र 871 करोड़ रुपए में बेचा गया है।विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आवाहन पर आज प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों और अभियंताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और मोमबत्ती जुलूस निकाला । संघर्ष समिति ने कहा कि मोमबत्ती जुलूस निकालकर आम नागरिकों को यह संदेश दिया जा रहा है कि यदि बिजली का निजीकरण न रोका गया तो निजी क्षेत्र में बिजली इतनी महंगी हो जाएगी कि उपभोक्ताओं को मोमबत्ती का ही सहारा लेना पड़ेगा।


प्रयागराज में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को देखते हुए संघर्ष समिति ने वसन्त पंचमी के दिन 02 फरवरी तक प्रयागराज में कोई आंदोलन न करने का निर्णय लिया है। प्रयागराज के बिजली कर्मियों ने इतने बड़े हादसे के बाद जिस तरह महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के दिन निर्बाध बिजली आपूर्ति बनाए रखी उसकी सराहना करते हुए संघर्ष समिति ने कहा कि पूरे महाकुंभ के दौरान बिजली कर्मी श्रेष्ठतम बिजली आपूर्ति बनाए रखने हेतु संकल्प बद्ध हैं। निजीकरण के विरोध में 31 जनवरी को होने वाले राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन को देखते हुए संघर्ष समिति ने 31 जनवरी को प्रस्तावित बुद्धि शुद्धि यज्ञ के कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित कर दिया है । बुद्धि शुद्धि यज्ञ की अगली तारीख शीघ्र ही घोषित की जाएगी। उप्र में 31 जनवरी एवं 01 फरवरी को समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। 01 फरवरी को अगले कार्यक्रम घोषित किए जाएंगे।

राजधानी लखनऊ में मध्यांचल मुख्यालय पर विरोध सभा हुई और शक्ति भवन पर विरोध सभा के बाद मोमबत्ती जुलूस निकाला गया। वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, अयोध्या, देवी पाटन, सुल्तानपुर, बस्ती, आजमगढ़, बरेली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद, आगरा, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, परीक्षा ,जवाहरपुर, हरदुआगंज , पनकी , ओबरा एवं हरदुआगंज में विरोध सभा के बाद मोमबत्ती जुलूस निकाले गए। मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना में दिवंगत श्रद्धालुओं को बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश भर में सभा करके श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक व्यक्त किया।

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