Punjab politics : कैप्टन अमरिंदर सिंह ने छोड़ा कांग्रेस, 'पंजाब लोक कांग्रेस' का ऐलान

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपना इस्तीफ़ा सोनिया गांधी को भेज दिया है।

Published By :  Ragini Sinha
Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2021-11-02 12:09 GMT

Punjab politics : कैप्टन अमरिंदर सिंह ने छोड़ा कांग्रेस, 'पंजाब लोक कांग्रेस' का ऐलान (social media)

Punjab politics: अमरिंदर सिंह (Amrinder Singh) ने अंतत कांग्रेस (Congress) का हाथ छोड़ दिया है। अब वे अपनी खुद की पार्टी के कैप्टन होंगे। अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh left Congress) ने अपनी नई पार्टी का नाम पंजाब लोक कांग्रेस (Punjab lok congress) रखा है। हालांकि अभी चुनाव आयोग (इलेक्शन Comission) से अनुमोदन मिलना बाकी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया कि मैंने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेज दिया है। पंजाब लोक कांग्रेस (punjab mylok congress) नई पार्टी का नाम होगा। हालांकि अभी पंजीकरण अभी बाकी है। पार्टी का चुनाव चिह्न बाद में मिलेगा।   

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपना इस्तीफ़ा सोनिया गांधी को भेज दिया है। उन्होंने पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधते हुए कहा कि "सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने ठीक नहीं किया। पार्टी एक दिन इसके लिये पछताएगी।"

अमरिंदर सिंह ने किया सभी खबरों का खंडन

अभी तक अमरिंदर सिंह (Amrinder Singh) को मनाने की चर्चा थी लेकिन उन्होंने खुद इन खबरों का खंडन किया था। कैप्टन ने कहा था कि कांग्रेस को छोड़ने का फैसला अंतिम है। अब पार्टी से इस्तीफा देकर उन्होंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh profile) ने आज को सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। इसी के साथ उन्होंने पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी की घोषणा की। 

पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है

अमरिंदर सिंह ने हाल ही में कहा था कि वह जल्द ही अपनी नई पार्टी बनाएंगे और अगर तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों के हित में कुछ समाधान निकलता है तो वह भाजपा के साथ 2022 के चुनाव में सीटों के समझौते को लेकर आशान्वित हैं। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पिछले महीने राज्य सरकार से बाहर निकलने वाले अमरिंद सिंह ने कहा था कि वह समान विचारधारा वाले दलों जैसे अकाली से अलग हुए समूहों के साथ गठबंधन पर भी विचार कर रहे हैं। दो बार मुख्यमंत्री रहे सिंह ने कहा था कि जब तक वह अपने लोगों और अपने राज्य का भविष्य सुरक्षित नहीं कर लेते, तब तक वह चैन से नहीं बैठेंगे।

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