Delhi: आठ केंद्रीय मंत्रियों ने मॉनसून सत्र के बाद विपक्ष पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साधा निशाना
Delhi: संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन हुए राज्यसभा में हंगामे के बाद सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी बढ़ गई जिसके बाद सरकार के 8 केंद्रीय मंत्रियों ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष पर साधा निशाना
Delhi: संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा में जिस तरह से हंगामा हुआ उसके बाद सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी और बढ़ गई है वहीं जहां एक ओर विपक्ष ने राज्यसभा में मानसून सत्र के आखिरी दिन सरकार के खिलाफ मार्च निकाला और सरकार पर निशाना साधा तो दूसरी तरफ केंद्र के 8 मंत्रियों ने साझा प्रेस कांफ्रेंस करके विपक्ष को कटघरे में खड़ा किया है केंद्रीय मंत्रियों की 48 मिनट तक चली इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष को कई मुद्दों पर घेरते हुए सदन ना चलने देने के आरोप लगाए हैं। बताते चलें गुरुवार दोपहर को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, प्रहलाद जोशी, मुख्तार अब्बास नकवी, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, अनुराग ठाकुर, अर्जुन मेघवाल, वी मुरलीधरन ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष पर संसद में काम ना करने देने और संसद की गरिमा का अपमान करने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
केंद्रीय मंत्रियों द्वारा विपक्ष पर लगाये गए आरोप
केंद्र सरकार के मंत्रियों ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए विपक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंत्रियों ने कहा कि पहले से ही सत्र बर्बाद करने का विपक्ष मन बना चुका था इसलिए सदन में काम नहीं होने दिया. वहीं सरकार कोरोना, महंगाई, कृषि कानून पर चर्चा करने के लिए पूरी तरह से तैयार थी लेकिन विपक्ष पेगासस पर अड़ा रहा. प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए केंद्रीय मंत्रियों ने यूपीए सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि साल 2004 से लेकर 2014 तक यूपीए की सरकार में दर्जनों बिल बिना चर्चा के ही पास कर दिए जाते थे लेकिन हम तो चर्चा के लिए तैयार थे फिर भी विपक्ष ने चर्चा नहीं करनी चाही। प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन छह सांसदों को सस्पेंड किया गया था उन्होंने शीशा तोड़कर सदन में आने की कोशिश की वहीं विपक्ष की महिला सांसदों ने लेडी मार्शल के साथ भी धक्का-मुक्की की जिससे लेडी मार्शल को चोट लगी जिसे वीडियो में भी साफ तौर पर देखा जा सकता है। केंद्रीय मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कोई भी बाहरी सुरक्षाकर्मी सदन में नहीं आए सिर्फ सदन के ही 30 सुरक्षाकर्मी मौजूद थे विपक्ष सिर्फ अपनी बात कहने और डिवीजन के वक्त शांत रहा बाकी पूरे समय विपक्ष ने हंगामा ही किया वही 9 अगस्त को टेबल पर चढ़कर जिस तरीके से रूल बुक को चेयर की ओर फेंका गया वह एक कातिलाना हमला था।