सिख युवती का किडनैप कर कराया धर्मांतरण, फिर किया जबरन निकाह

पाकिस्तान के बाद अब जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में भी हिंदू लड़कियों को जबरन अगवा कर उनका धर्मांतरण कराया जाने लगा है।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-06-28 15:51 IST

लड़की को अगवा कर जगरन धर्मांतरण कराने के विरोध में प्रदर्शन करते सिख समुदाय के लोग (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

श्रीनगर: पाकिस्तान के बाद अब जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में भी हिंदू लड़कियों को जबरन अगवा कर उनका धर्मांतरण कराया जाने लगा है। यहां एक सिख युवती के अपहरण और जबरन धर्मांतरण कराकर निकाह कराने के मामले से लोगों में काफी आक्रोश है। घटना से आक्रोशित बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग श्रीनगर में सड़कों पर उतर आए और प्रदर्शन किया। वहीं पुलिस का कहना है कि उसने किडनैप करने के आरोपी 29 वर्षीय शख्स को गिरफ्तार करते हुए उसके चंगुल से 18 वर्षीय युवती को छुड़ा लिया है। श्रीनगर पुलिस के एसपी (नॉर्थ) मुबाशिर हुसैन ने बताया कि लड़की को छुड़ा लिया गया। साथ ही लड़की को कोर्ट में पेश करने के उसके परिवार को सौंप दिया गया है।

वहीं सिख समुदाय के लोगों का आरोप है कि दो और लड़कियों का अपहरण किया गया है, लेकिन अभी तक सिर्फ एक को ही छुड़ाया जा सका है। इसी कड़ी में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के चेयरमैन मनजिंदर सिंह सिरसा रविवार को श्रीनगर पहुंचे और समुदाय के लोगों के साथ आंदोलन में हिस्सा लिया। इस दौरान सिरसा ने कहा कि हम यहां बंदूक की नोक पर दो लड़कियों का अपहरण किए जाने के विरोध में एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन लड़कियों का जबरन बुजुर्गों के साथ निकाह करा दिया गया। इतना ही नहीं उनके परिवार के सदस्यों को कोर्ट में एंट्री तक नहीं करने दिया गया। कोर्ट के बाहर हम लोगों ने आंदोलन किया है। इसके बाद एक ही लड़की को हमारे पास भेजा गया है। यह जबरन धर्मांतरण का मामला है।

खबर है कि इस मामले में ​गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से सिख समुदाय के लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया गया है। मनजिंदर सिरसा ने कहा है कि गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से घाटी में सिख लड़कियों की सुरक्षा का भरोसा दिलाया गया है। उम्मीद है ये लड़कियां जल्द अपने परिवार में लौट आएंगी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने सिख समुदाय के मुद्दों पर चर्चा के लिए समय भी दिया है। उधर आंदोलनकारी सिख समुदाय के लोगों ने मांग की है कि यहां एक कानून बनना चाहिए, जिसके मुताबिक अंतर्धार्मिक विवाह से पहले अभिभावकों से अनुमति लेना जरूरी होगा।

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