UNSC बैठक में बोले PM, आतंक के लिए हो रहा समुद्री मार्गों का दुरुपयोग
UNSC Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) की बैठक शुरू हो गई है।
UNSC Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) की बैठक हुई है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन (Antony Blinken) भी वर्चुअली माध्यम से इस बैठक का हिस्सा बने। पीएम मोदी ने 'समुद्री सुरक्षा का विस्तार: अंतरराष्ट्रीय सहयोग का मामला' पर UNSC की उच्च स्तरीय खुली बहस की अध्यक्षता की।
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समुद्र हमारी साझा धरोहर है, हमारे समुद्री रास्ते इंटरनेशनल ट्रेड की लाइफलाइन है और सबसे बड़ी बात ये है कि समंदर हमारे Planet के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमारी यह विरासत कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि आतंक को बढ़ावा देने के लिए भी समुद्री मार्गों का दुरुपयोग किया जा रहा है। ऐसे में हम चाहते हैं कि समुद्री सुरक्षा को लेकर हमारे क्षेत्र में एक समावेशी फ्रेमवर्क तैयार हो।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें समुद्री व्यापार में बाधाओं को दूर करना चाहिए। हमारी समृद्धि समुद्री व्यापार के निर्बाध प्रवाह पर निर्भर है। इसमें आने वाली बाधाएं पूरी दुनिया के लिए चुनौतियां हैं। मुक्त समुद्री व्यापार भारत की सभ्यता से सदियों से जुड़ा हुआ है। इस दौरान PM मोदी ने समुद्री सुरक्षा के लिए पांच मूल सिद्धांतों का भी जिक्र किया।
PM मोदी ने समुद्री सुरक्षा के लिए बताए पांच मूल सिद्धांत
पहला सिद्धांत- हमें समुद्री व्यापार में पैदा होने वाली बाधाओं को हटाना चाहिए।
दूसरा सिद्धांत- समुद्री विवादों का समाधान शांतिपूर्ण और अंतर्राष्ट्रीय कानून के आधार पर ही होना चाहिए।
तीसरा सिद्धांत- हमें प्राकृतिक आपदाओं और नॉन स्टेट एक्टर्स द्वारा पैदा किए गए समुद्री चुनौतियों का मिल कर सामना करना चाहिए।
चौथा सिद्धांत- हमें समुद्री पर्यावरण और समुद्री संसाधन को संजो कर रखना होगा।
पांचवा सिद्धांत: हमें जिम्मेदार समुद्री संपर्क को प्रोत्साहन देना चाहिए।
आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अगस्त महीने की अध्यक्षता भारत को मिली है। इसी साल अस्थायी सदस्य के रुप में दो साल के लिए भारत को सुरक्षा परिषद में जगह मिली थी। सुरक्षा परिषद् का अध्यक्ष परिषद् की गतिविधियों के समन्यव का काम करता है, नीतिगत मतभेदों पर फैसला करता है और कभी कभार राजनयिक मध्यस्थता का काम भी करता है। कुल मिला कर सुरक्षा परिषद् के सभी कामकाज अध्यक्ष देश संभालता है और अध्यक्ष ही सुरक्षा परिषद् का चेहरा होता है।
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