बांग्लादेश सीमा के पास हजारों बीघे में गांजे की खेती
West Bengal News: पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में 6 हजार बीघे में गांजे की खेती (Ganja ki Kheti) को पुलिस ने नष्ट किया है। बताया जाता है कि एक बीघा में लगभग 1,200 ऐसे पौधों की खेती की जा सकती है।
West Bengal News: बांग्लादेश से लगी सीमा वाले इलाकों में गांजे का कारोबार न सिर्फ खूब चल रहा है बल्कि इसका ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। इसे इसी से समझा जा सकता है कि पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में 6 हजार बीघे में गांजे की खेती (Ganja ki Kheti) को पुलिस ने नष्ट किया है। बताया जाता है कि एक बीघा में लगभग 1,200 ऐसे पौधों की खेती की जा सकती है। सिर्फ बंगाल ही नहीं, त्रिपुरा में भी सीमावर्ती क्षेत्रों में ये खेती चल रही है।
कूचबिहार पुलिस ने पिछले तीन महीनों में जिले में 6,000 बीघा में उगाई गई अवैध गांजे को नष्ट कर दिया है। जिले भर में इस प्रतिबंधित खेती की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने के लिए अभियान जारी रखेगी। पुलिस के अनुसार, अक्टूबर 2021 से दिसंबर के आखिरी शनिवार तक विभिन्न पुलिस स्टेशनों की टीमों द्वारा 6,126 बीघा (2021.58 एकड़) के क्षेत्र में फैले भांग के पौधों को नष्ट कर दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार एक कोटे पर लगभग 60 पौधे उग सकते हैं, जिसका मतलब है कि एक बीघा में लगभग 1,200 ऐसे पौधों की खेती की जा सकती है। इस कैलकुलेशन के आधार पर कहा जा सकता है कि पुलिस ने लगभग 73.50 लाख भांग के पौधों को नष्ट कर दिया है। जिले के 13 में से नौ पुलिस थानों में अभियान चलाए गए हैं, जिससे पता चलता है कि कई किसान इस अवैध खेती में लगे हैं।
एक किसान ने बताया कि गांजे की खेती (Hemp Farming) बहुत फायदेमंद है और एक बीघा जमीन से काटी गई फसल को बेचकर करीब 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक कमाए जा सकते हैं। त्रिपुरा के गोकुल नगर सेक्टर में सीमा सुरक्षा बल के डीआईजी राकेश रंजन लाल ने हाल ही में बांग्लादेश के साथ भारत की सीमा के साथ वन क्षेत्रों में नए गांजा बागानों पर चिंता व्यक्त की थी।
उन्होंने कहा था कि बीएसएफ द्वारा गांजा-भंग को खोजने, जब्त करने और नष्ट करने के प्रयासों के साथ नए वृक्षारोपण की मात्रा तेजी से बढ़ रही है। वन क्षेत्र में गांजे की खेती चिंता का विषय है। जितनी जब्ती की जाती है और जितनी खेती नष्ट की जाती है उतनी तेजी से नई फसल बोई जाने लगती है। यानी जितना नष्ट किया उसी ज्यादा दोबारा पैदा होने लगता है।
जानकारों का कहना है कि गांजे-भांग की बड़े पैमाने पर सीमा पार तस्करी की जाती है। इस काम में बड़े बड़े गिरोह लगे हुए हैं जो काफ सीरप की भी तस्करी करते हैं। कूचबिहार में ही हाल में एक ट्रक और दो पिकअप वैन में छुपाए गए 150 कार्टन कफ सिरप को जब्त किया गया था। इस सिलसिले में उत्तर प्रदेश के दो निवासियों समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा मालदा और मुर्शिदाबाद जिले में सीमा क्षेत्र में बीएसएफ ने तीन हजार से ज्यादा प्रतिबंधित याबा टैबलेट्स की बड़ी खेप जब्त की थी। 3,030 पीस याबा टैबलेट्स का अनुमानित बाजार मूल्य 15 लाख रुपये से ज्यादा आंका गया है। याबा एक प्रकार की ड्रग है जिसका बांग्लादेश के सीमावर्ती इलाकों में लोग नशे के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।