आगरा के पूर्व डीएम के खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन मामले दर्ज, गिरफ्तार

Update: 2018-10-25 06:15 GMT

आगरा: आगरा के थाना फतेहाबाद में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत ​यहां के जिलाधिकारी रहे जुहैर बिन सगीर के खिलाफ जमीन के एक प्रकरण में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि मामला सतर्कता अधिकारी प्रमोद कुमार शर्मा द्वारा भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज कराया गया है। बता दें कि इससे पूर्व मंगलवार को मुरादाबाद में भी उनके खिलाफ विजिलेंस की ओर से दो मुकदमे दर्ज कराए गए थे।

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ये है आगरा का मामला

प्रकरण के अनुसार सगीर के खिलाफ आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के लिए अपनी मौसेरी बहन के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। आगरा में वर्ष 2013-14 में आईएएस जुहैर बिन सगीर डीएम रहे थे और उनके द्वारा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी होनी थी। इसकी जानकारी सगीर को थी।

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प्रकरण के मुताबिक उन्होंने कथित रूप से अधिसूचना जारी होने से पहले अपनी मौसेरी बहन खालिदा रहमान के नाम से पद का दुरुपयोग करते हुए फतेहाबाद के गांव तिबाहा में 695 हेक्टेयर और गांव स्वारा में 3460 हेक्टेयर जमीन खरीदवा दी । इस जमीन का भूमि अधिग्रहण हो गया। इससे उनकी बहन खालिदा को 20 लाख 45 हजार रुपये का लाभ हुआ। इसी तरह से मुरादाबाद में भी सगीर की मौसेरी बहन खालिदा के नाम से जमीन खरीदी गई।

एक दिन पूर्व हुआ था मुरादाबाद में मुकदमा

मुरादाबाद में एक दिन पहले जमीन घोटाले में फंसे तत्कालीन जिलाधिकारी जुहैर बिन सगीर व सेवानिवृत्त एडीएम सिटी अरुण कुमार श्रीवास्तव समेत आठ के खिलाफ बरेली विजिलेंस ने दो मुकदमे दर्ज कराए थे। यहां के सिविल लाइन थाने में दर्ज मुकदमा सीलिंग जमीन घोटाला एवं मूंढापांडे थाने में दर्ज मुकदमा जेल की जमीन में हुए घोटाले का है।

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तत्कालीन डीएम जुहैर बिन सगीर वर्तमान में विशेष सचिव लघु सिंचाई हैं

अधिवक्ता दुष्यंत चौधरी ने 13 अप्रैल 2017 में तत्कालीन डीएम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए शासन में शिकायत की थी। 12 जुलाई 2017 को बरेली विजिलेंस विभाग के अफसरों ने जांच शुरू की। दो साल की लंबी जांच के बाद इन सभी आरोपितों के खिलाफ शासन के निर्देश पर मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की गई है। तत्कालीन डीएम जुहैर बिन सगीर वर्तमान में विशेष सचिव लघु सिंचाई एवं एडीएम अरुण कुमार श्रीवास्तव मुरादाबाद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बाकी आरोपितों की तैनाती मुरादाबाद में हैं।

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