Barabanki Crime News: मुख्तार अंसारी एंबुलेंस केस में कामयाबी, 25 हजार इनामी आनंद यादव गिरफ्तार

Barabanki Crime News : बाराबंकी पुलिस ने मुख्तार अंसारी एम्बुलेंस मामले में आनंद यादव की गिरफ्तारी के लिए 25 हजार का इनाम घोषित किया था। आनंद यादव पर मुजाहिद और शाहिद के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगा था।

Newstrack :  Network
Published By :  Shivani
Update: 2021-06-16 07:12 GMT

मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

Barabanki Crime News: उत्तर प्रदेश के मऊ सदर सीट से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के जुड़े एम्बुलेंस मामले में आखिरकार पुलिस को सफलता हाथ लग गयी। इस केस में लम्बे समय से फरार चल रहे 25 हजार के इनामी आनंद यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

दरअसल, बाराबंकी पुलिस ने मुख्तार अंसारी एम्बुलेंस मामले में आनंद यादव की गिरफ्तारी के लिए 25 हजार का इनाम घोषित किया था। आनंद यादव पर मुजाहिद और शाहिद के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगा था। इस केस में डा. अल्का राय पर दबाव डालकर झूठा बयान दिलवाने का भी आनंद यादव पर आरोप लगा था, जिसके बाद से पुलिस आनंद यादव की तलाश में थी।

वहीं आरोपी आनंद यादव ने पुलिस के सामने इस साजिश में और भी लोगों के शामिल होने की बात कबूली है। जानकारी के मुताबिक, आनंद ने सभी के नाम भी पुलिस को बता दिए हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि पुलिस इन सभी लोगों को आरोपी बनाएगी। फिलहाल पुलिस गिरफ्तार आनंद यादव को जेल भेजने की कार्रवाई कर रही है।

वहीं मुख्तार अंसारी एम्बुलेंस केस में पुलिस को अभी भी ईनामिया शाहिद और मुजाहिद की तलाश है। हालांकि मुख्तार के गुर्गे राजनाथ यादव, डा. अलका और शेष नाथ राय को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है।


क्या है मुख्तार अंसारी एम्बुलेंस केस: 

पूर्वांचल के माफिया और विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब जेल से 31 मार्च को मोहाली कोर्ट तक पेशी पर लाने और ले जाने में यूपी 41 नंबर की एम्बुलेंस का प्रयोग किया गया था। इस मामले में गठित एसआईटी ने मऊ जिले के श्याम संजीवनी हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की संचालिका डाॅ.अलका राय, निदेशक शेषनाथ राय समेत सहयोगी रहे राजनाथ यादव को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

बता दें कि साल 2013 में रजिस्टर्ड एंबुलेंस के संबंध में पुलिस ने मुख्तार अंसारी से पूछताछ की थी। उसका कहना है कि वह उस एंबुलेंस का साल 2013 से ही इस्तेमाल कर रहा था। इस मामले में पुलिस ने मऊ के संजीवनी हॉस्पिटल की संचालिका डॉक्टर अलका राय पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया था। डॉक्टर अलका को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा चुका है।

बताया जा रहा है कि 31 जनवरी 2017 को एंबुलेंस का फिटनेस खत्म हो गया था। 23 जनवरी 2020 को परिवहन विभाग ने मऊ के श्याम संजीवनी हॉस्पिटल (Shyam Sanjeevani Hospital) की मालिक डॉक्टर अलका राय को नोटिस भी भेजा था।

अलका राय के वोटर कार्ड के आधार पर बाराबंकी में एंबुलेंस का पंजीकरण हुआ था। लेकिन एंबुलेंस रजिस्टर्ड व पता जांच में फर्जी निकला। सीएमओ कार्यालय में इस नाम के किसी भी अस्पताल का पंजीकरण नहीं पाया गया है।

Tags:    

Similar News