Chandauli Crime News: रक्षक ही निकला भक्षक, गौ तस्करी में बर्खास्त पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी से सच्चाई आई सामने

उत्तर प्रदेश के जनपद चन्दौली में गौ तस्करी से संबंधित एक नया मामला सामने आया है जिसमें बर्खास्त पुलिस वाला ही पशु तस्करी करा रहा है।

Report :  Ashvini Mishra
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-09-07 20:44 IST

चन्दौली में गौ तस्करी कराने में लगा पुलिसकर्मी गिरफ्तार

Chandauli Crime News: उत्तर प्रदेश के जनपद चन्दौली गौ तस्करी से संबंधित एक नया मामला सामने आया है। कहा जाता है कि चाम की रखवाली जब कुत्ता ही करेगा तो वह कितना देर तक सुरक्षित रहेगा। इसी तरह का वाकया चंदौली जनपद में देखने को मिला जब पुलिस वाला ही पशु तस्करी कराने में पकड़ा गया है।

मामला बबुरी थाना क्षेत्र का है जहां डवक मिर्जापुर के रास्ते बाबुरी, नौबतपुर होते हुए बिहार के रास्ते प्रतिदिन 35 से 40 गाड़ियों में पशु तस्करी का गोरखधंधा किया रहा था। यह तस्करी जनपद में ही तैनात बर्खास्त सिपाही अनिल कुमार सिंह द्वारा अपने गैंग के साथियों से कराई जा रही थी। बाबुरी पुलिस ने बीती रात पशु तस्करों के खिलाफ जब अभियान चलाया तो बबुरी थाना क्षेत्र के बनौली चट्टी के पास चोरी की पिक अप पर लदे 6 पशु बरामद हुए।

बर्खास्त सिपाही अनिल कुमार सिंह मुख्य अभियुक्त

उसके साथ गिरफ्तार पशु तस्करों से जब पूरे मामले की छानबीन की गई तो जनपद में तैनात बर्खास्त सिपाही अनिल कुमार सिंह का नाम मुख्य अभियुक्त के रूप में सामने आया। जिसे पुलिस मोबाइल के जरिए तस्करी कराने के बहाने पकड़ लिया गया। पकड़े गए तस्करों ने बताया कि हम लोग प्रतिदिन चंदौली जनपद से 35 से 40 पिकअप गाड़ी पशुओं से लदा हुआ पास कराते थे और यह सब पास कराने का काम सिपाही अनिल सिंह द्वारा किया जाता था। प्रति गाड़ी अनिल सिंह को 800 रुपया दिया जा रहा था।

चोरी की पिकअप गाड़ी भी तस्करों से बरामद हुई 

बर्खास्त सिपाही अनिल सिंह ने ईमानदारी का ढिंढोरा पीटते हुए मुगलसराय थाने की वसूली की लिस्ट वायरल कर चंदौली पुलिस को बदनाम किया था । गौ तस्करों को पकड़ने में बबुरी पुलिस के साथ-साथ स्वाट टीम भी लगी थी। गौ तस्करों के पास से 11 मोबाइल जिसमें सात एंड्राइड मोबाइल और चार कीपैड बरामद हुई है वही 17777 रुपुए नगद तथा दो पीली धातु की दो चेन और दो पीली धातु की अंगूठी भी बरामद गई है। चोरी की पिकअप गाड़ी भी तस्करों से बरामद हुई है जिस पर लदे हुए पशुओं को मुक्त कराया गया।

जब सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिसकर्मी ही पशु तस्करी कराने में लगे हैं तो इस तस्करी पर कैसे अंकुश लगाया जा सकता है। तस्कर के रूप में पुलिस वाले की गिरफ्तारी के बाद लोगों में चंदौली पुलिस के इस कारनामे को चर्चा जोरों पर हो रही हैं।

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