Chandauli Crime News: घोटालेबाज एजेंसियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश, 22 किसानों के डकार गए 15 लाख

चन्दौली जिले की चार एजेंसियां धान खरीद के बाद किसानों का 15 लाख रुपये डकार गईं। इसको गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव ने एजेंसी प्रभारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया।

Report :  Ashvini Mishra
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-08-08 07:14 IST

चन्दौली: धान खरीद मामले में घोटाले के बाद चार एजेंसियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश

Chandauli Crime News: धान खरीद में नित नए खुलासे हो रहे हैं जिससे भ्रष्टाचार की पोल खुलने लगी है। चन्दौली जिले की चार एजेंसियां धान खरीद के बाद किसानों का 15 लाख रुपये डकार गईं। मामला प्रमुख सचिव तक पहुंचा तो प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया। एजेंसी प्रभारियों के खिलाफ एफआइआर कराने के साथ ही प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है। इससे एजेंसी संचालक अब भागे-भागे फिर रहे हैं।

आप को बता दें कि जटाधारी महादेव, जेएचआरएम, किसान कल्याण व छिन्न मस्तिका खरीद एजेंसियों ने 1881 किसानों से दिसंबर 2020 में धान खरीदा था। 1829 का भुगतान कर दिया। 52 किसानों का भुगतान लटका था। किसानों के विरोध पर 30 किसानों का और भुगतान हुआ। उसके बाद 22 किसान पैसों के लिए एजेंसी का चक्कर लगा रहे हैं। इन किसानों का लगभग 15 लाख रुपये बकाया है। किसानों ने अपना पैसा पाने के लिए जिले के अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन कोई हल नहीं निकला।

एजेंसी प्रभारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश

अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी कोई हल न निकलने पर किसानों ने आइजीआरएस व मुख्यमंत्री संदर्भ के आनलाइन पोर्टल पर शिकायत की थी। इसको गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव ने एजेंसी प्रभारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया। साथ ही मामले की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट मांगी है। एजेंसी प्रभारियों की ओर से किसानों के भुगतान करने का दावा किया जा रहा है। छह किसानों के बैंक खाते में गड़बड़ी होने की वजह से पैसा न भेजे जाने का हवाला दे रहे हैं।

एजेंसी प्रभारी भागे-भागे फिर रहे हैं

हालांकि किसानों ने पैसा प्राप्त होने से साफ इन्कार कर दिया है। ऐसे में जिला खाद्य व विपणन अधिकारी अनूप कुमार श्रीवास्तव ने एजेंसी प्रभारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इस सिलसिले में पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है। खाद्य व विपणन विभाग के अधिकारियों के साथ ही एजेंसी प्रभारियों को बुलाया जा रहा लेकिन वे भागे-भागे फिर रहे हैं। जिले में धान खरीद में धांधली का यह कोई नया मामला नहीं है। हर साल एजेंसी व केंद्र प्रभारियों की शिकायतें आती रहती हैं। मामले की छानबीन की जा रही है। सरकारी क्रय में धांधली करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।

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