गायत्री और सहयोगियों के खिलाफ कोर्ट ने लिया संज्ञान, गैंग रेप और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप

कोर्ट के विशेष जज उमाशंकर राय ने अपने दफ्तर को आरोपपत्र को दर्ज रजिस्टर करने का आदेश देते हुए संज्ञान के बिन्दु पर सुनवाई के लिए 5 जून की तारीख नियत कर दी थी जिस पर आज कोर्ट ने संज्ञान ले लिया।

Update: 2017-06-05 14:45 GMT

लखनऊ: पॉक्सो एक्ट की विशेष अदालत ने सपा सरकार के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति सहित उनके सात सहयोगियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के मामले में सोमवार को संज्ञान ले लिया। अदालत ने अभियुक्तों को केस से संबधित सारे प्रपत्र प्रदान करने के आदेश दे दिये। कोर्ट ने मामले को 22 जून को लगाते हुए सभी अभियुक्तों को तलब किया है।

कई हैं आरोपी

सीओ चौक राधेश्याम राय ने शनिवार को अपरान्ह दो बजे पॉक्सो की विशेष अदालत में इन अभियुक्तों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। कोर्ट के विशेष जज उमाशंकर राय ने अपने दफ्तर को आरोपपत्र को दर्ज रजिस्टर करने का आदेश देते हुए संज्ञान के बिन्दु पर सुनवाई के लिए 5 जून की तारीख नियत कर दी थी जिस पर आज कोर्ट ने संज्ञान ले लिया।

824 पन्नों के आरोप पत्र में पुलिस ने कुल 24 लोगों को गवाह बनाया है। पूर्व मंत्री गायत्री उनके गनर चंद्रपाल पीआरओ रूपेश्वर उर्फ रूपेश, लेखपाल अशोक तिवारी एक वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी के बेटे विकास वर्मा, पूर्व मंत्री के करीबी अमरेंद्र सिंह एवं आशीष शुक्ला को आईपीसी की धारा 376 डी, 354, 504, 506 व 509 के तहत आरोपित किया गया है। वहीं गायत्री, अमरेंद्र, अशोक व आशीष पर पॉक्सो एक्ट भी लगाया गया है।

मजबूत आधार

सीओ चौक के नेतृत्व में पूरी हुई विवेचना में एसआईटी ने पीड़ित महिला व उसकी बेटी के बयानों, मोबाइल काल डिटेल्स, मेडिकल रिपेार्ट व गवाहों के बयानों के आधार पर अभियुक्तों के खिलाफ आरोपपत्र तैयार किया है।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद 18 फरवरी 2017 को थाना गौतमपल्ली पर महिला की प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। जिसमें महिला ने आरोप लगाया था कि खनन का पट्टा दिलाने के नाम पर उसके साथ सबने कई बार दुष्कर्म किया और जब उन लोगों ने उसकी नाबालिग बेटी पर नजर डाली तो उसने प्राथमिकी लिखायी।

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