Anjali Accident Case: कंझावला कांड में बड़ा खुलासा, क्या हुआ था अंजलि के साथ उस रात
Anjali Accident Case: आरोपियों ने पहली बार पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि उन्हें पता था कि अंजलि उनके कार के नीचे फंस गई है। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद उन्होंने कई बार कार का यू-टर्न लिया, क्योंकि वे बहुत डर गए थे।
Anjali Accident Case: दिल्ली के चर्चित कंझावला केस में आरोपियों ने बड़ा खुलासा किया है। आरोपियों ने पहली बार पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि उन्हें पता था कि अंजलि उनके कार के नीचे फंस गई है। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद उन्होंने कई बार कार का यू-टर्न लिया, क्योंकि वे बहुत डर गए थे। उन्होंने पुलिस के सामने पहले जो कार में म्यूजिक तेज होने की बात कही थी, वो सरासर झूठी कहानी थी।
दरअसल, 31 दिसंबर की देर रात स्कूटी सवार अंजलि को कार सवारों ने टक्कर मार दी थी। इसके बाद उसे तकरीबन 12 किमी तक घसीटा गया। शुरूआत में कार सवार आरोपियों ने अंजलि के कार में फंसे होने की जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर की थी। लेकिन अब उन्होंने इसकी जानकारी होने की बात कबूल की है और ये भी बताया कि आखिर उस रात क्यों नहीं उन्होंने अंजलि की बॉडी को कार से अलग किया।
क्यों नहीं अंजलि को कार से अलग किया ?
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उन्हें डर था कि कहीं लड़की को गाड़ी से निकाला तो हत्या का केस लग जाएगा। वे इस मामले में बुरी तरह फंस जाएंगे। इसलिए एक्सीडेंट के बाद आरोपियों ने पीड़िता को कार से निकालने की कोशिश नहीं की। आरोपियों ने बताया कि वे बेहद डर गए थे, इसलिए गाड़ी को बार-बार घुमाए जा रहे थे। वे तब तक गाड़ी को घुमाते रहे, जब तक लड़की की बॉडी कार से अलग नहीं हो गई। इस दौरान उन्होंने कंझावला तक के रूट में कई बार गाड़ी यू टर्न की थी।
एक आरोपी को मिली जमानत
अंजलि के एक्सीडेंट के मामले में आरोपी बनाए गए कुल सात लोगों में से एक को शनिवार को जमानत मिल गई। कोर्ट ने आरोपी अंकुश खन्ना को 20 हजार रूपये के निजी मुचलके पर जमानत दी। अदालत ने कहा कि जांच में जरूरत पर उसे आना होगा। अंकुश वही शख्स है, जिसने अपने भाई को बचाने के लिए पुलिस के सामने झूठ बोला था। अंकुश पर आईपीसी की धारा 201/212 के तहत कार्रवाई की गई है, जिसमें तीन साल की सजा का प्रावधान है।
शुक्रवार को सुल्तानपुरी थाने में सातवें आरोपी के रूप में सरेंडर करने वाले अंकुश खन्ना ने पुलिस को बताया था कि हादसे के समय कार उसका भाई अमित खन्ना नहीं बल्कि दीपक चला रहा था। हालांकि, बाद में पुलिस जांच में पता चला कि कार दीपक नहीं बल्कि अमित ही चला रहा था। अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, इसलिए उसे बचाने के लिए दीपक का नाम आगे किया गया था। इस केस के 6 आरोपी अभी भी पुलिस के हिरासत में हैं, जिनसे पूछताछ जारी है।
क्या हुआ था 31 दिसंबर की रात ?
दिल्ली की सुल्तानपुरी इलाके की रहने वाली अंजलि न्यू ईयर पार्टी के लिए घर से बाहर निकली थी। देर रात वापस घर आने के दौरान एक तेज रफ्तार कार ने उसकी स्कूटी को टक्कर मार दिया था। हादसे के दौरान उसकी सहेली निधि भी साथ थी।
अंजलि की बॉडी कार में फंस गई और 12 किमी तक कार सवार आरोपी उसे घसीटते रहे। वहीं, घटना में मामूली रूप से चोटिल हुई निधि मौके से भाई गई और दो दिन बाद सामने आई। लंबे समय तक चुप्पी साधे रहने के कारण निधि भी शक के दायरे में है। पुलिस को उसका क्रिमनल बैकग्राउंड के बारे में भी पता चला है। उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस से अंजलि की मौत के मामले में विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है।