430 किलो सोना खपाने वाला आया DRI की गिरफ्त में, निर्यात वाले सोने को बेच रहा था घरेलू बाजार में

Update: 2017-02-22 15:30 GMT

नोएडा : नोटबंदी के दौरान 140 करोड़ रुपए के कालेधन को 430 किलोग्राम सोने में खपाने वाले ज्वेलरी एक्पोर्ट कंपनी के संचालक देवाशीष गर्ग को डीआरआई की टीम ने नोएडा पुलिस के सहयोग से सेक्टर-63 से गिरफ्तार किया है। इस मामले में डीआरआई ने पिछले साल दिसंबर में मामला दर्ज किया था। तभी से देवाशीष गर्ग फरार चल रहा था।

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गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद काला धन खपाने के लिए जहां कालाबाजारी चरम पर चल रही थी। वहीं, नोएडा की विशेष आर्थिक जोन की श्रीलाल महल लिमिटेड कंपनी ने नोटबंदी के बाद 140 करोड़ रुपए के कालाधन को 430 किलोग्राम सोने में खपा दिया।

नोएडा में छापेमारी

दरअसल, यह ज्वैलरी निर्यात के लिए मंगाए गए सोने को कंपनी ने अवैध तरीके से भारतीय बाजार में बेच दिया था। नोटबंदी के बाद कालाधन खपाने के इस सबसे बड़े खेल का पर्दाफाश डॉक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) नोएडा में छापेमारी कर खोला था।

दो दिन की छापेमारी में करोड़ों का हुआ पर्दाफाश

डीआरआई नोएडा की टीम ने 22 और 23 दिसंबर को कंपनी के नोएडा और दिल्ली के कई ठिकानों पर छापेमारी कर 15 किलो सोने के आभूषण, 80 किलोग्राम चांदी की छड़ें और 2.60 करोड़ रुपए नकद जब्त किया था। बरामद नकदी में 2.48 करोड़ रुपए के एक हजार और पांच सौ के पुराने नोट हैं, जबकि 12 लाख रुपए 2000 और 500 के नए नोट थे।

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निर्यात होने वाले सोने पर लगाई थी सेंध

डीआरआई अधिकारी के अनुसार, फेज दो स्थित नोएडा विशेष आर्थिक क्षेत्र में श्रीलाल महल लिमिटेड कंपनी विदेश से शून्य सीमा शुल्क पर सोना मंगाकर उसके गहने तैयार करती है। जिसे सिर्फ निर्यात किया जा सकता है। आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद कंपनी ने 430 किलोग्राम सोना मंगाया। जिसे निर्यात की बजाय भारत के घरेलू बाजार में खपा दिया। जिसकी कीमत अनुमान के अनुसार 140 करोड़ रुपए है।

पुराने नोट बदलने में हुआ सोने का इस्तेमाल

डीआरआई को जानकारी मिली है कि जिस फर्म के माध्यम से एमएसटीसी से सोना खरीदा गया, उसी फर्म के माध्यम से श्रीलाल महल ने पुराने नोट के बदले भारतीय बाजार में सोना बेच दिया। डीआइआई अधिकारी अब जांच में जुटे हैं कि भारत में किन-किन लोगों का सोना बेचा गया है। हेराफेरी के बारे में केंद्र सरकार समेत आयकर विभाग और अन्य केंद्रीय एजेंसियों को जानकारी दे दी गई है। जिससे सभी एजेंसियां आगे की कार्रवाई में सहयोग कर सकें। फिलहाल देवाशीष की गिरफ्तारी के बाद इस मामले से जुड़े काफी अहम राज खुल सकते है।

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