SSP मंजिल सैनी और IG पर रौब झाड़ चुके फर्जी मुख्य सचिव को पुलिस ने किया गिरफ्तार
मेरठ: एसएसपी और पीआरओ को फोन पर धमकाने वाला पीएमओ के फर्जी मुख्य सचिव को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह फर्जी मुख्य सचिव एसपी देहात प्रवीण रंजन को भी कॉल कर रौब झाड़ चुका है। बीते सितंबर में उसने खुद को पीएमओ में सचिव बताकर आईजी जोन सुजीत पांडे के सीयूजी नंबर पर कॉल कर थानेदार और सीओ की भी सिफारिश की थी। जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था।
क्या है मामला
-एसएसपी मंजिल सैनी के मुताबिक 25 जुलाई की दोपहर 3.05 बजे जब वह मीटिंग में थी तो उनका सरकारी फोन पीआरओ दयाशंकर द्विवेदी के पास था।
-इस दौरान कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को पीएमओ नई दिल्ली से मुख्य सचिव अरूण मिश्रा बताया। व्यक्ति ने मुझसे बात कराने के लिए कहा।
-पीआरओ ने कहा कि एसएसपी मीटिंग में है। जिस पर अरूण मिश्रा ने धमकाते हुए कहा कि गंगानगर थानाध्यक्ष ओमवीर गुप्ता जिसका क्राइम ब्रांच में तबादला किया है।
-तबादले को तुरंत रूकवा दिया जाए। नहीं तो अंजाम ठीक नहीं होगा। जिसके बाद उस व्यक्ति ने फोन काट दिया।
-एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि सीडीआर में इस नंबर की आईडी अरूण मिश्रा निवासी बी-559 डिफेंस कॉलोनी गंगानगर मेरठ के नाम निकली।
-जांच करने पर पता चला कि कॉल करने के स्थान की लोकेशन गंगानगर मेरठ की है। कॉल किसी मुख्य सचिव ने नही, बल्कि आरोपी अरूण मिश्रा ने गंगानगर से फर्जी मुख्य सचिव बनके की थी।
-मामले में एसएसपी मंजिल सैनी के अनुसार प्रकरण की जांच में थाना गंगानगर के पूर्व एसओ ओमवीर गुप्ता और थाने में तैनात दरोगा विशंभर दयाल की भूमिका संदिग्ध पाई गई है।
-दरोगा विशंभर दयाल को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर किया गया है। पूर्व एसओ को जिले से हटाने के लिए शासन को पत्र लिखा है।
-वहीं मामले में आरोपी ने दावा किया है कि गंगानगर थाने में एक दरोगा ने उसे फंसाया है। उसके वकील के पास दरोगा का पूरा रिकॉर्ड है।
क्या बोली पुलिस
-एसएसपी मंजिल सैनी का कहना है कि कॉल डिटेल के आधार पर आरोपी अरूण मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक दरोगा को लाइन हाजिर किया गया है। शासन को पत्र भी लिखा गया है।