फल कारोबारी के गोदाम पर छापा, नवरात्र पर मुनाफाखोरी के लिए कर रहा था रसायनों का प्रयोग
फूड डिपार्टमेंट की टीम ने बर्रा के कर्रही में केला कारोबारी संजय के गोदाम पर छापेमारी करके सैंपल लिये हैं। गोदाम में खतरनाक कारबाइड और एथिलीन से केला पकाया जा रहा था। रसायनों के इस्तेमाल से कच्चे केले 48 घंटों में पक जाते हैं।
कानपुर: नवरात्र पर फलों की मांग बढ़ी है, तो फल विक्रेताओं का जहरीला कारोबार भी बढ़ गया है। कानपुर में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने ऐसे ही केले के एक गोदाम पर छापा मार कर नमूने जांच के लिए भेजे हैं।
कच्चे फल पकाने के लिए फलों के आढ़ती एथिलीन और कारबाइड का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन रसायनों से पके फल खाने से किडनी और लिवर जैसे शरीर के अंग संक्रमित हो जाते हैं और जानलेवा बन जाते हैं।
फलों के गोदाम पर छापा
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अरुण कुमार के नेतृत्व में फूड डिपार्टमेंट ने फलों के आढ़तियों पर छापेमारी की है।
फूड डिपार्टमेंट की टीम ने बर्रा के कर्रही में एक केला गोदाम पर छापेमारी करके सैंपल लिये हैं।
इस गोदाम में बड़ी मात्रा में कच्चा केला पाया गया जिसे कारबाइड और एथिलीन से पकाया जा रहा था।
बता दें, कि रसायनों के इस्तेमाल से कच्चे केले 48 घंटों में पक जाते हैं।
जूही थाना क्षेत्र के बारहदेवी निवासी संजय कुमार का ठाकुर कॉम्प्लेक्स में केलों का गोदाम है।
संजय की आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर केले की दुकानें लगती हैं।
छापेमारी के दौरान आढ़ती संजय ने छापामार टीम से बदसलूकी की।
खतरनाक रसायनों का प्रयोग
नवरात्र पर अधिकांश लोग व्रत रखते हैं और फलों पर निर्भर रहते हैं।
ऐसे में फलों की बिक्री बढ़ जाती है और फल विक्रेता जहरीले फलों के कारोबार में जुट जाते हैं।
ये फल विक्रेता कच्चे फलो को सस्ते दामों पर खरीद कर उन्हें कारबाइड और एथिलीन जैसे रसायनों का छिड़काव कर के जल्दी से जल्दी पका लेते हैं।
इसके बाद बाजार में ऊंचे दामों पर ज्यादा से ज्यादा बेच कर भारी मुनाफा कमाते हैं।
लेकिन उपवास रखने वाले के शरीर पर रसायनों का संक्रमण तेजी से असर करता है।
इससे लिवर और किडनी में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि नवरात्र पर रासायनिक फलों की जानकारी होने पर छापेमारी की गई हैं।
नमूनों को जांच के लिए भेजा जा रहा है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जएगी।
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