आजाद अपराधियों पर हाईकोर्ट का कड़ा रुख, जमानत रद्द कराने कि लिये पुलिस को निर्देश
अभिमन्यु सिंह के खिलाफ छोटे बडे़ कुल 64 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें आधा दर्जन हत्या, डकैती, लूट सहित तीन दर्जन संगीन अपराध शामिल हैं, और उस पर रासुका व गैंगस्टर एक्ट भी लग चुका है। वह जमानत पर इस शर्त के साथ रिहा है कि अपराध में संलिप्त नहीं होगा।
इलाहाबाद: प्रदेश में अब अपराधियों की खैर नहीं। पूर्व सांसद अतीक अहमद को जेल भेजने के बाद हाईकोर्ट ने जालौन के अभिमन्यु सिंह उर्फ डंपल की गिरफ्तारी न होने पर एसपी जालौन से पूछा है कि दर्जनों आपराधिक मामलों में संलिप्तता के बावजूद उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है। कोर्ट ने अभिमन्यु की जमानत रद्द कराने की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिये हैं।
कोर्ट का कड़ा रुख
-हाईकोर्ट ने जालौन के एसपी को निर्देश दिया है कि अपराधों में जमानत पर छूटे अभिमन्यु सिंह की जमानत निरस्त करने के लिए संबंधित अदालतों में अर्जी दाखिल की जाए।
-हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जमानत रद्द करने की अर्जी दाखिल करके 10 मार्च को हलफनामे के साथ कोर्ट को इससे अवगत कराये।
-कोर्ट का कहना था कि एक के बाद एक अपराध करने वाले बदमाशों के खिलाफ उनकी जमानत निरस्त कराने की कार्रवाई जरूरी हो गयी है।
-यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले एवं न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने जालौन के ब्लाक नदी गांव निवासी विवेक कुमार की जनहित याचिका पर दिया है।
संगीन अपराध दर्ज
-याचिका पर अधिवक्ता अजय सेंगर का कहना था कि अभिमन्यु सिंह के खिलाफ छोटे बडे़ कुल 64 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
-इनमें आधा दर्जन हत्या, डकैती, लूट सहित तीन दर्जन संगीन अपराध शामिल हैं, और उस पर रासुका व गैंगस्टर एक्ट भी लग चुका है।
-याचिका में कहा गया है कि 2013 में हाईकोर्ट से हत्या के प्रयास के मामले में उसकी जमानत मंजूर हुई थी।
-वह जमानत पर इस शर्त के साथ रिहा है कि किसी अन्य अपराध में संलिप्त नहीं होगा।
जमानत के बाद अपराध
-आरोप है कि इसके बाद उसके खिलाफ 2015 व 2016 में हत्या व हत्या के प्रयास के मुकदमे जालौन के थानों में दर्ज हुए हैं।
-पुलिस इन मामलों की अब तक विवेचना ही कर रही है लेकिन ब्लॉक प्रमुख रह चुके अभिमन्यु को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।
-कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए एसपी जालौन को सख्त निर्देश दिये हैं।