श्रवण साहू मर्डर केसः HC ने यूपी सरकार से पूछा- क्यों नहीं दिया परिजनों को मुआवजा

हाईकोर्ट ने 21 फरवरी तक यूपी सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है। वहीं सरकारी वकील ने कहा कि यूपी सरकार सीबीआई जांच कराने के लिए तैयार है।

Update: 2017-02-08 07:05 GMT

लखनऊः श्रवण साहू की हत्या मामले में हाइकोर्ट ने यूपी सरकार से तीन सवालों के जवाब मांगे हैं। बता दें कि श्रवण साहू अपने बेटे की हत्या मामले में गवाह थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर याचिका पर बुधवार (8 फरवरी) को सुनवाई की गई। हाईकोर्ट ने 21 फरवरी तक यूपी सरकार से इस मामले में जांच की स्थिति पर जवाब मांगा है। वहीं सरकारी वकील ने कहा कि यूपी सरकार श्रवण साहू हत्या मामले में सीबीआई जांच कराने के लिए तैयार है।

हाईकोर्ट ने सरकार से पूछे ये तीन सवाल

-श्रवण साहू को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई।

-उन्हें असलहा लाइसेंस क्यों नहीं दिया गया।

-श्रवण साहू के पीड़ित परिजनों को मुआवजा क्यों नहीं दिया।

बीच चौराहे पर हुआ था इंसाफ का कत्ल

भ्रष्ट पुलिस और अपराधियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले श्रवण साहू को बीच चौराहे पर न सिर्फ गोलियों से भून दिया गया, बल्कि इससे इंसाफ का कत्ल भी हो गया। दरअसल श्रवण साहू के बेटे आयुष साहू की तीन साल पहले हत्या कर दी गई थी। इस मामले में राजधानी पुलिस का कमाऊ पूत अकील जेल चला गया था। जमानत पर रिहा हुआ अकील, श्रवण साहू पर केस वापस लेने का दबाव बनाने लगा था, लेकिन श्रवण साहू अपने बेटे को इंसाफ दिलाना चाहते थे, इंसाफ की उम्मीद तो छोड़िए इंसाफ मांगने वाले को ही सरेराह मौत की नींद सुला दिया गया।

यह भी पढ़ें... कत्ल कानून-व्यवस्था का: इंसाफ मांगोगे तो बीच चौराहे मिलेगी मौत, आखिर हत्यारा कौन ?

हत्यारा कौन पुलिस या अकील ?

इस हत्याकांड के बाद बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि आखिर श्रवण साहू की हत्या किसने की ? पुलिस के अफसर इस हत्या के पीछे अकील का हाथ बता रहे हैं जो कि 27 जनवरी को एक मामले में जमानत तुड़वा कर जेल जा चुका है, लेकिन अकील और पुलिस के चोली-दामन के साथ वाले रिश्ते के चलते पुलिस पर उंगलियां उठ रही हैं। जिस का खुलासा आला पुलिस अफसरों की निगरानी में एसएसपी ने किया था।

 

 

 

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